नई दिल्ली| मणिपुर में भड़की हिंसा की आग सात महीने बाद भी शांत नहीं हुई है। अब सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि शव गृह में हिंसा में मारे गए लोगों के रखे गए शवों का सात दिनों में अंतिम संस्कार हो जाना चाहिए। बता दें कि मैतेई और कुकी हुई हिंसा की घटनाओं में अबतक 175 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुर्दाघरों में रखें हैं 169 शव
दरअसल, मंगलवार यानी 28 नवंबर को शीर्ष अदालत में मणिपुर हिंसा में जान गवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार वाले मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष और नागरिक समाज संगठनों की ओर से बहस करने वाले अधिवक्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। मालूम हो कि शवगृहों में 169 लोगों के शव रखे हुए हैं, जिनकी मई के बाद हिंसा के दौरान मौत हुई है।
सम्मान के साथ अंतिम विदाई के हकदार
इस दौरान सीजेआई ने कहा कि हम शवगृहों में शवों को हमेशा के लिए नहीं रख सकते हैं। हिंसा मई में हुई है। कोर्ट ने कहा कि जान गवाने वाले लोग सम्मान के साथ अंतिम विदाई के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मणिपुर सरकार 81 पहचाने गए पीड़ितों के परिवारों को 4 दिसंबर तक सरकारी-चिह्नित स्थल पर अंतिम संस्कार करने की इजाजत देगी। मणिपुर में मई से ही रुक-रुक कर हिंसा हो रही है।