डाक मत पत्रों की छंटाई के मामले में बालाघाट के एसडीएम निलंबित

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में मप्र विधानसभा चुनाव के डाक मत पत्रों की छंटाई मामले में अब बालाघाट के रिटर्निंग आफिसर गोपाल कुमार सोनी को निलंबित किया गया है। जबलपुर संभागायुक्त के आदेश पर बालाघाट कलेक्टर डा.गिरीश कुमार मिश्रा ने यह कार्रवाई की है। इसके पहले डाक मत पत्रों के नोडल अधिकारी तहसीलदार हिम्मत सिंह भवेड़ी को निलंबित किया जा चुका है। कांग्रेस ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की है।

डेढ़ बजे ही खोल दिया स्‍ट्रांग रूम : बालाघाट में 27 नवंबर को स्ट्रांग रूम तीन बजे खोले जाने की फोन के माध्यम से सूचना अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी थी लेकिन डेढ़ बजे ही स्ट्रांग रूम खोल दिया गया। यहां डाक मत पत्रों के विधानसभावार बंडल बनाकर अलग-अलग थैलों में रखे जा रहे थे।

कांग्रेस ने जताया था विरोध : कांग्रेस के कार्यकर्ताओं यह सूचना मिली कि डाक मत पत्र को गिनती की जा रही थी तो वे वहां पहुंचे और पूरी प्रक्रिया पर प्रश्न उठाया। हालांकि, वहां डाक मत पत्र के लिफाफे नहीं खोले गए।विधानसभावार बंडल बनाकर अलग-अलग थैलों में रखे गए।

जांच के बाद निलंबन : कांग्रेस की शिकायत पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने जांच कराई और प्रारंभिक जानकारी के आधार पर डाक मत पत्रों के नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह भवेड़ी को निलंबित कर दिया। इस मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेजी गई है।

कलेक्‍टर ने स्‍वीकारी त्रुटि : उधर, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी प्रक्रियात्मक त्रुटि की बात स्वीकार की है। समय से पहले स्ट्रांग रूम खोला गया और फोन से इसकी सूचना दी गई। विधानसभावार डाक मत पत्रों के बंडल बनाने का काम भी मतगणना के एक दिन पहले यानी दो दिसंबर को होना था। इस त्रुटि के लिए नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की गई।

स्ट्रांग रूम प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल

जांच में स्ट्रांग रूम प्रभारी की भूमिका पर भी प्रश्न उठा क्योंकि वह समय से पूर्व खोला गया। उन्हें भी नियम के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार माना गया और जबलपुर संभागायुक्त के आदेश पर कलेक्टर ने बालाघाट के अनुविभागीय अधिकारी एवं रिटर्निंग आफिसर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 111 बालाघाट को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को अनुविभागीय अधिकारी पद का प्रभार दिया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी पर भी हो कार्रवाई

उधर, प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग से संबंधित कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया और मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी भी निर्धारित होनी चाहिए। वे चुनाव संबंधी कार्यों के लिए सीधे जिम्मेदार होते हैं। उनके मार्गदर्शन में ही पूरा अमला काम करता है। उन्हें सूचना दिए बिना स्ट्रांग रूम को खोलना और डाक मत पत्रों की छंटाई का काम होना, गंभीर बात है। तीन दिसंबर को मतगणना होनी है और चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

कांग्रेस का आरोप, भिंड में भी हुई डाक मत पत्र से छेड़छाड़

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर भिंड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में भी डाक मत पत्रों से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार और उसके अभिकर्ताओं को डाक मतपत्रों के भंडार ण स्थल के बारे में सूचना नहीं दी गई। इसकी शिकायत के बाद उम्मीदवार को बताया गया कि 19 नवंबर को डाक मतपत्र आ इटीआइ लहार में रखे गए थे। 20 नवंबर को सुबह जब प्रत्याशी के अभिकर्ता नरेश सिंह चौहान अधिकारियों के साथ आइटीआ इ गए तो वहां पाया कि डाक मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की जा रही थी और जिन बक्सों में उन्हें रखा गया था, उनमें से कुछ की सील टूट गई थी। मतपत्रों को बंडल बनाकर एक अलग बक्से में रखा जा रहा था। इसकी भी शिकायत की गई। उन्होंने नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के विरुद्ध कार्रवाई करने और उन्हें स्थानांतरित करने की मांग की।

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