कल शिवराज सरकार के वर्तमान कार्यकाल की अंतिम कैबिनेट बैठक

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल। शिवराज सरकार के वर्तमान कार्यकाल की अंतिम कैबिनेट बैठक गुरुवार को मंत्रालय में होगी। बिना एजेंडे इस बैठक में मंत्रियों के अलावा अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को बुलाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश के विकास के लिए मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों-कार्यों के प्रति आभार जताया जाएगा। गुरुवार को ही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। इसी बीच 1988 बैच की आइएएस अधिकारी वीरा राणा ने मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट की। उनकी मुलाकात को प्रदेश का उन्हें अगला मुख्य सचिव बनाए जाने की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है।

आचार संहिता नहीं हो सकता नीतिगत निर्णय
प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और तीन दिसंबर को मतगणना होनी है। इसकी तैयारियों के बीच गुरुवार को कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बैठक का कोई एजेंडा नहीं है। चुनाव की आचार संहिता लागू है इसलिए कोई नीतिगत निर्णय भी नहीं हो सकता है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल की यह अंतिम कैबिनेट बैठक है, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा।

नए मुख्य सचिव की नियुक्ति
बतौर कैबिनेट सचिव के नाते यह मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की भी अंतिम बैठक रहेगी। उनकी दूसरी सेवावृद्धि की अवधि भी गुरुवार 30 नवंबर को समाप्त हो रही है। तीसरी सेवावृद्धि को लेकर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि नए मुख्य सचिव की नियुक्ति भी गुरुवार को होगी। प्रदेश में उपलब्ध अधिकारियों में 1988 बैच की अधिकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष वीरा राणा हैं, जिन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट की।

…तो दूसरी महिला मुख्य सचिव होंगी वीरा राणा
वीरा राणा को मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी मिलती है तो वह प्रदेश की दूसरी महिला सीएस होंगी। उन्हें चार माह काम करने का मौका मिलेगा क्योंकि वह मार्च 2024 में सेवानिवृत्त हो जाएंगी। इसके पहले प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच थीं, जिनका कार्यकाल 22 सितंबर 1991 से एक जनवरी 1993 तक था।

मतगणना पर दबाव डालने का प्रयास
कांग्रेस ने कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने पर आपत्ति जताई है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बिना एजेंडा बैठक बुलाने का कोई मतलब नहीं है। आचार संहिता लागू है, इसलिस कोई नीतिगत निर्णय नहीं हो सकता है। ऐसे में इसका एक मात्र उद्देश्य मतगणना को लेकर अधिकारियों-कर्मचारियों पर दबाव बनाना है।

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