115 दिन बाद आप सांसद राघव चड्ढा का राज्यसभा से निलंबन खत्म

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नई दिल्ली| आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की राज्यसभा सदस्यता बहाल हो गई है। 115 दिन बाद आज सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनका निलंबन रद्द कर दिया। दिल्ली विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने के प्रस्ताव पर उनकी सहमति के बिना 5 सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद उनकी सदस्यता बहाल हुई है।

चड्ढा बोले- 115 दिन तक जनता की आवाज नहीं उठा पाया
सदस्यता बहाल होने के बाद वीडियो बयान जारी करते हुए चड्ढा ने कहा कि निलंबन रद्द कराने के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद लगभग 115 दिन बाद उनका निलंबन रद्द हुआ है। उन्होंने कहा कि वे 115 दिन तक जनता की आवाज नहीं उठा सके और सरकार से सवाल नहीं पूछ सके। उन्होंने निलंबन रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ का भी शुक्रिया अदा किया।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, संसद के मानसून सत्र में चड्ढा ने दिल्ली सेवा विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया था।
उनके इस प्रस्ताव पर कई सांसदों के हस्ताक्षर थे, जिनमें से 5 सांसदों ने दावा किया कि प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं।
ये गंभीर आरोप के बाद मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया और उसकी रिपार्ट आने तक 11 अगस्त को चड्ढा को निलंबित कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी निलंबन पर हैरानी
राज्यसभा से निलंबित होने के बाद चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अक्टूबर में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निलंबन पर हैरानी जताते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने वाले को भी केवल एक सत्र के लिए निलंबित किया जाता है और क्या चड्ढा का गुनाह इससे भी बड़ा है, जो उन्हें अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया।
उसने कहा कि एक विपक्षी आवाज को संसद से बाहर करना गंभीर मामला है।

सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा को दिया था सभापति से माफी मांगने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा के खिलाफ भी सख्ती दिखाई थी और उनसे राज्यसभा सभापति धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि ये सभापति की गरिमा का मामला है, ऐसे में वे उनसे मिलकर मांगी मांगे। चड्ढा ने माफी मांगने पर सहमित जताई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सभापति से उनकी माफी पर सहानभूतिपूर्वक विचार करने को कहा था। अब कोर्ट की उम्मीद के मुताबिक सभापति ने चड्ढा का निलंबन रद्द कर दिया है।

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