नई दिल्ली| नए पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया है। जिसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम सस्पेंड कर दी गई है। खेल मंत्रालय ने यह बड़ा फैसला ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास लेने और बजरंग पुनिया का पद्मश्री वापस सम्मान वापस लेने के बाद उठाया है।
मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द किया
इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द कर दिया है। खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि नए संघ ने नियमों के खिलाफ जाकर आगामी टूर्नामेंट और कार्यक्रमों का ऐलान किया था। जिसमें अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल नंदिनी नगर गोंडा में कराए जाने का फैसला लिया गया था। साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। खेल मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि WFI में अब अगले आदेशों कोई भी फैसला नहीं ले सकेगा।
साक्षी मलिक ने भी उठाए थे सवाल
कुश्ती संघ के कार्यक्रमों के एलान के बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट करते हुए कहा था, “मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं। वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फ़ोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख़ से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फ़ैसला लिया है। गोंडा बृजभूषण का इलाक़ा है। अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी। क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं? वहीं इससे पहले खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। इसके साथ ही बजरंग के पद्मश्री सम्मान वापस लौटने पर मंत्रालय ने कहा था कि यह उनका निजी फैसला है और हम अब भी बजरंग से पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदलने की मांग करेंगे।
कुश्ती संघ निलंबित होने के बाद बोलीं साक्षी मलिक, ‘हमने लड़ाई लड़ी, अब कुछ अच्छा हुआ’
खेल मंत्रालय के द्वारा भारतीय कुश्ती संघ और उसके नवनिर्वाचित पैनल को सस्पेंड करने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमने बहन-बेटियों के लिए लड़ाई लड़ी। अब कुछ अच्छा फैसला हुआ है। उन्होंने कहा कि कुश्ती संघ का अध्यक्ष कोई महिला को बनना चाहिए। बता दें कि संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का एलान कर दिया था। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में रोते हुए अपने जूते टेबल पर रखकर संन्यास की घोषणा की थी। इसके साथ ही बजरंग पुनिया ने पद्मश्री सम्मान वापस लौटा दिया था।
‘बृजभूषण की नहीं चलेगी’.. कुश्ती संघ के निलंबन पर खुश हुईं विनेश फोगाट
इस खबर से पहलवानों के बीच खुशी देखी जा रही है, जिन्होंने कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ की मान्यता रद्द करने पर खुशी जाहिर की है और कहा कि कुश्ती संघ को राजनीति से दूर रखना चाहिए। विनेश फोगाट ने कहा कि अब कुश्ती संघ का अध्यक्ष किसी महिला को बनाया जाना चाहिए। फोगाट ने इसके पीठे की वजह बताई कि एक महिला ही महिला की परेशानी को समझ सकती है। कोई महिला अध्यक्ष चुनी जाएगी तो लड़कियों के लिए अच्छा हो गा। सस्पेंशन से अब उम्मीद की एक किरण जगी है। बजरंग पूनिया के लिए विनेश फोगाट ने कहा कि बजरंग चाहता तो आंदोलन बीच में छोड़ सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. बजरंग ने हमारा हर कजम पर साथ दिया। फोगाट ने खेल मंत्रालय के इस फैसले को महिला पहलवानों की जीत बताई।
“मैं फ्लाइट में था, मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है”, सस्पेंशन पर जानें और क्या बोले संजय सिंह
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ पर कड़ा एक्शन लेते हुए उसकी मान्यता ही रद्द कर दी है, साथ ही बृजभूषण शरण सिंह के खास कहे जा रहे नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह को भी निलंबित कर दिया है। इसके बाद खबरें मिल रही हैं कि संजय सिंह इसके खिलाफ कोर्ट भी जा सकता है। खेल मंत्रालय के भारतीय कुश्ती संघ पर एक्शन के बाद संजय सिंह की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें संजय सिंह ने कहा कि “मैं फ्लाइट में था। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है।” पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही मैं टिप्पणी करूंगा। मैंने सुना है कि कुछ गतिविधि रोक दी गई है।”
कुश्ती से पूरी तरह संन्यास, डब्ल्यूएफआई के निलंबन से कोई लेना-देना नहीं: बृज भूषण सिंह
बृज भूषण सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा- यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है, उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना, जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना है। इस पर पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा कि वह कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते, लेकिन भारतीय कुश्ती जगत में ताजा घटनाक्रम से उनका कोई लेना-देना नहीं है। बृज भूषण सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने पहलवानों के लिए 12 साल काम किया है। समय बताएगा कि मैंने न्याय किया है या नहीं। मैं कुश्ती से पूरी तरह सेवानिवृत्त हो चुका हूं। मैंने कुश्ती से नाता तोड़ लिया है। अब फैसले और सरकार से बातचीत फेडरेशन के चुने हुए लोग करेंगे। इस साल की शुरुआत में, शीर्ष भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ-साथ अन्य पहलवानों ने बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कई युवा जूनियर पहलवानों को परेशान किया था।