इंदौर| पूर्व कांग्रेस विधायक अंतर सिंह दरबार को भ्रष्टाचार के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। दो अलग-अलग मामलों में कुल 3000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दरबार समेत 10 लोगों को सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर सजा तीन महीने और बढ़ जाएगी। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। मामला इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले से जुड़ा है। 2000 में लोकायुक्त ने केस दर्ज किया था। करीब 23 साल चली सुनवाई के बाद शनिवार को न्यायाधीश मुकेश नाथ ने फैसला सुनाया। आदेश की प्रति रविवार को सामने आई।
पूर्व विधायक के साथ ये 9 दोषी करार
इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले में दरबार के अलावा अहिल्याबाई गहलोत, देवराज सिंह परिहार, सैय्यद वासिक अली, ओमप्रकाश जोशी, नकवंती पटेल, निर्मला पटेल, जगदीश शर्मा, गुलाम मुर्तजा खान, देवीलाल सूर्यवंशी को भी एक-एक साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है।
महू से दो बार विधायक रहे दरबार
कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार महू विधानसभा सीट से 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साल 1998 और 2003 में चुनाव जीते थे। 2008 और 2013 में कैलाश विजयवर्गीय से हार गए थे। 2018 में बीजेपी की उषा ठाकुर ने उन्हें हराया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में दरबार को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे। हार गए। बीजेपी की उषा ठाकुर ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया है।