विनेश फोगाट ने कर्तव्य पथ पर छोड़ा अर्जुन अवॉर्ड, पुलिस ने पीएमओ जाने से रोका

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बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय पहलवानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बजरंग पूनिया के बाद अब महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कर्तव्य पथ पर अपना अर्जुन अवॉर्ड छोड़ दिया है. पुलिस के पीएमओ जाने से रोकने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया. विनेश फोगाट अर्जुन अवॉर्ड को पीएमओ वापस करने जा रही थीं. इसी बीच रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोका, जिसके बाद उन्होंने अवॉर्ड को वहीं छोड़ने का फैसला लिया. बता दें कि उनसे पहले पुरुष पहलवान बजरंग पूनिया अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस कर चुके हैं.

बजरंग पूनिया ने इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि रेसलर विनेश फोगाट हाथ में अर्जुन अवॉर्ड को लेकर पीएमओ की तरफ बढ़ रही हैं, तभी पुलिस उन्हें रोक लेती है और कुछ बातचीत करने लगती है. इस वीडियो को शेयर करते हुए बजरंग पूनिया ने लिखा, ‘यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए. देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं.’

संजय सिंह के नए अध्यक्ष बनने के बाद शुरू हुआ बवाल

दरअसल, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को हाल ही में नए अध्यक्ष संजय सिंह (बृजभूषण शरण सिंह के करीबी) नियुक्त हुए थे. इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ही ऐलान कर दिया था. उनका कहना था कि अगर बृजभूषण शरण सिंह के पार्टनर को अध्यक्ष चुना जाता है तो मैं अब से कुश्ती नहीं करूंगी. उन्होंने अपने जूते प्रेस कॉन्फ्रेंस की टेबल पर रखते हुए यह बात कही थी.

बजरंग पूनिया ने लौटाया था पद्मश्री

साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास लेने के बाद बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने के फैसला किया. उन्होंने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. बजरंग ने 22 दिसंबर को अपन यह सम्मान वापस कर दिया था. उनके बाद अब विनेश फोगाट ने अर्जुन अवॉर्ड को कर्तव्य पथ पर ही छोड़ दिया. बता दें कि ये रेसलर्स काफी समय से बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला पहलवानों द्वारा उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के बाद उनका कहना है कि डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष किसी महिला को बनाया जाना चाहिए.

खेल मंत्रालय ने किया सस्पेंड

बृजभूषण शरण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद खेल मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया था. पहलवानों के भारी विरोध के बीच भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की नई बॉडी को ही सस्पेंड कर दिया. इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम निलंबित कर दी गई. ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक के संन्यास लेने और बजरंग पुनिया का पद्मश्री वापस करने के बाद मंत्रालय में यह फैसला उठाया था.

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