नई दिल्लीl साल 1992 में अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में गिरफ्तार हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांथ पुजारी को बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक की एक हुबली कोर्ट ने श्रीकांत को जमानत पर रहा करने का आदेश दिया है। दरअसल, 31 साल पहले अयोध्या में हुए बाबरी विध्यवंस के बाद कार्नाटक के हुबली में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में श्रीकांथ पुजारी को भी आरोपी बनाया गया था। पुजारी को बीते हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस में जमकर बवाल हुआ था।
भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई थी तीखी नोकझोक
भाजपा श्रीकांथ की गिरफ्तारी का विरोध प्रदर्शन कर रही थी। भाजपा का कहना था कि उसको गलत आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। जबकि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि क्या हमें उन लोगों को सजा दिलाने का कोई अधिकार नहीं है, जिन्होंने अपराध किया है? जो लोग (बीजेपी) प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या वे ये कह रहे हैं कि गलत करने वालों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए? आप लोगों को उनसे पूछना चाहिए कि विरोध प्रदर्शन करने के पीछे का उनका मकसद क्या है? वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। हमने सिर्फ गलत काम करने करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया है।
भाजपा ने शुरू किया था कैंपेन : श्रीकांथ पुजारी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने एक कैंपेन चलाया था। कैंपन में भाजपा कार्यकर्ता एक पोस्टर लेकर ‘मै भी कार सेवक हूं’ का नारा लगा रहे थे और गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध जता रहे थे।
ये है पूरा मामला : गौरतलब है कि साल 1992 में अयोध्या बाबरी विध्वंस में कई कार सेवकों ने हिस्सा लिया था। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान श्रीकांथ ने भी हुबली एक दुकान में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। हिंसा से जुड़े इस मामले में पुलिस कुल 300 आरोपियों की लिस्ट तैयार की है। अब इन आरोपियों की उम्र 70-75 के बीच है।