दूरसंचार विभाग ने सभी संस्थाओं के लिए एम2एम, डब्ल्यूपीएएन, डब्ल्यूएलएएन पंजीकरण किया अनिवार्य

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नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मशीन-टू-मशीन (एम2एम) और वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवर्क के साथ-साथ वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन) पंजीकरण को इन व्यवसायों से जुड़ी सभी संस्थाओं के लिए अनिवार्य कर दिया है। डीओटी के अनुसार, इसका अनुपालन न करने पर अधिकृत दूरसंचार लाइसेंसधारियों से प्राप्त दूरसंचार संसाधनों को वापस लिया जा सकता है या सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं। विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, एम2एम सेवा प्रावधान और डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन संपर्क प्रावधान में इससे जुड़ी सभी व्यावसायिक संस्थाओं (कंपनियों, सरकारी विभागों, संगठनों, साझेदार कंपनियों, एलएलपी, संस्थानों, उपक्रमों, स्वामित्व कंपनियों, सोसायटी और न्यास) को दूरसंचार विभाग के साथ पंजीकरण करने की सलाह दी जाती है। सरल संचार पोर्टल के जरिये एक सरल और पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पंजीकरण किया जा सकता है। बयान के अनुसार, यह घोषणा करते हुए कि मशीन-टू-मशीन (एम2एम) और वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवर्क/वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन) पंजीकरण को उक्त व्यवसायों में जुड़ी सभी संस्थाओं के लिए अनिवार्य किया जाता है।

संस्थाओं में व्यवसाय, सरकारी विभाग और भागीदारी शामिल हैं। विभाग के अनुसार, मानक-आधारित और सुरक्षित एम2एम/आईओटी पारिस्थितिकी तंत्र के प्रसार के लिए पंजीकरण का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसमें कहा गया कि यह एम2एम सेवाओं के लिए एम2एम सेवा प्रदाताओं और डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन संपर्क प्रदाताओं की दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ इंटरफेस, केवाईसी, सुरक्षा, एन्क्रिप्शन और अन्य पहलुओं से संबंधित चिंताओं से भी निपटता है। बयान के अनुसार, ‘‘ डीओटी एक सुरक्षित और अभिनव एम2एम/आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) परिदृश्य का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का मकसद एक मजबूत डिजिटल संचार बुनियादी ढांचा तैयार करना, अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को सक्षम करना और एम2एम/एलओटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के लिए एक समग्र तथा सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है।

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