भोपाल| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रामसेतु को तोड़ने की साजिश की गई। उसकी आयु 17 लाख साल पुरानी बताई गई। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि हमारे राम का आदर्श कितना पुराना है। हनुमान जी सहित अगर प्राणिमात्र से प्रेम करने वाला कोई शासक माना गया तो वो प्रभु राम थे। मुख्यमंत्री आज भोपाल में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, मप्र ओलंपिक संघ रमेश मेंदोला, सचिव दिग्विजय सिंह, खेल संचालक रवि गुप्ता एवं खेल विभाग के अधिकारी और प्रदेशभर से आए खिलाड़ी और कलाकार मौजूद थे। कार्यक्रम से पहले उन्होंने खिलाड़ियों और कलाकारों के साथ पतंग भी उड़ाई।
हमारा देश आगे बढ़ता जा रहा है
खिलाड़ियों और कलाकारों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, पीएम जिस काम को हाथ लगाते हैं वहां चमत्कार हो जाता है। अभी प्रधानमंत्री लक्षद्वीप गए थे तो मालद्वीप की हजारों फ्लाइट कैंसिल हो गईं। रक्षा सुरक्षा से लेकर जिन क्षेत्रों में दखल हो सकता है वहां प्रधानमंत्री जी काम करते दिखाई देते हैं। हमारा देश आगे बढ़ता जा रहा है।
हमारे यहां देवता भी युवा हैं
उन्होंने कहा, विवेकानंदजी का नाम लेते ही जोश उमंग के साथ आभा लिए चित्र उभरता है। हम उस धारा के संवाहक है। हमारी संस्कृति में खेल के कितने उदाहरण हैं। हमारे यहां मंदिरों में देवी-देवता की प्रतिमा लगेगी तो युवा अवस्था की लगेगी। हमारे यहां देवी-देवता का जन्मदिवस मनता है निर्वाण दिवस नहीं। हम अपने जीवन मे आगे बढ़े। हमारे यहां तो विवाह भी स्वयंवर से होता था। अर्जुन ने तीरंदाजी के आधार पर विवाह किया। राम जी ने कैसे परशुराम जी का धनुष तोड़ा था। और आज तो समय ही राम जी का चल रहा है।
एक नरेंद्र ने सपना देखा दुसरे नरेंद्र साकार कर रहे
खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, एक नरेंद्र ने सपना देखा था कि भारत विश्व का सब्सें शक्तिशाली राष्ट्र होगा। दूसरे नरेंद्र उस सपने को साकार कर रहे हैं। जन्मे हम उसे देश में जन्मे पूरी दुनिया को दिशा दिखाने का काम किया। हमारा दर्शन विचार पूरी दुनियां को दिशा दिखाने वाला है। आज जिस महापुरुष के जन्मदिवस पर युवा दिवस मनाया जा रहा है वो पूरी दुनिया को दिशा दिखाने वाले थे।
अपने विचार से पूरी दुनिया को राह दिखाई
विवेकानंदजी बहुत जल्दी दुनियां से चले गए। मगर उन्होंने अपने विचार से पूरी दुनिया को राह दिखाई। वे 39 साल की उम्र में चले गए मगर उनके विचारों ने हमें राह दिखाई। शिकागो की धर्मसभा में उन्हें बहुत हेय दृष्टि देखा गया। उस दौरान हिंदुस्तान को सांप सपेरों का देश कहा गया। उन्हें बहुत कम समय बोलने के लिए दिया गया और उन्हें शून्य विषय पर बोलने को कहा गया। उन्होंने जैसे ही भाषण की शुरुआत माय डियर ब्रदर्स एन्ड सिस्टर, तो बहुत देर तक तालियां बजतीं रहीं क्योंकि उन्होंने शिकागों में वसुधुव कुटुम्ब कम के दर्शन को दिखाया था।