मकर संक्रांति पर जरूर खाएं खिचड़ी, ग्रहों का मिलेगा शुभ फल, खुल जाएंगे आपके भाग्य

धर्म-आस्था

मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में आते हैं इस कारण इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इसी के साथ इस दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं। मतलब इस दिन से वह उत्तर दिशा की ओर भ्रमण करने लगते हैं। जिसका महत्व भगवान कृष्ण ने गीता में बताया है। यह पर्व वैसे तो देश भर में विभिन्न तरह के नामों से जाना जाता और कई तौर-तरीकों के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस पर्व के दिन खिचड़ी दान करने और खाने का भी सबसे ज्यादा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से भी मकर संक्रांति को बेहद शुभ माना जाता है और इसी के साथ खिचड़ी का संबंध भी कुछ ग्रहों से जोड़ कर देखा जाता है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी से किन ग्रहों का सीधा संबंध है और इस दिन खिचड़ी खाने से कौन से ग्रह मजबूत होते हैं।

खिचड़ी का संबंध होता है इन ग्रहों से
ज्योतिष में हर ग्रह का संबंध किसी न किसी अनाज से जोड़ कर देखा जाता है। आपने अक्सर सुना भी होगा ये चीज दान करने से ये ग्रह शांत होता है। वही बात मकर संक्रांति की खिचड़ी के साथ भी है। मकर संक्रांति की खिचड़ी में जो अनाज पड़ते हैं। उससे ग्रहों को बल मिलता है और यह ग्रहों को मजबूत करने और उनके अशुभ प्रभाव को कम करने में सबसे कारगर उपाय है।
खिचड़ी में काली दाल पड़ती है। काली दाल का संबंध शनि और राहु-केतु से होता है। इन ग्रहों को शांत करने के लिए आप खिचड़ी का भोग लगा कर उसे अवश्य खाएं। खिचड़ी में पड़ने वाली हल्दी का संबंध सीधा देव गुरु बृहस्पित से होता है।
जो चावल खिचड़ी में पड़ता है। उसका रंग सफेद होता है और सफेद रंग का ज्योतिष में संबंध चंद्रमा और शुक्र से है। इन ग्रह को शांति का प्रतीक माना जाता हैं। इसलिए जितना हो इस दिन खिचड़ी का दान करें और भोग के रूप में इस दिन प्रसाद के तौर पर इसे ग्रहण करें। खिचड़ी में हम हरी सब्जियां भी डालते हैं। जिसका सीधा संबंध ग्रहों के राज कुमार बुध से होता है। मकर संक्रांति वाले दिन खिचड़ी खाने और उसका भोग लगाने से बुध कुंडली में मजबूत होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। STPV.live एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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