राहुल गांधी के साथ असम में धक्का-मुक्की, सुरक्षाकर्मी भीड़ से बचाते हुए बस में ले गए

असम देश राष्ट्रीय

इटानगर. कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान रविवार को असम में राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की हुई. राहुल को बचाते हुए उनके सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बस के अंदर वापस ले गए. घटना के दौरान राहुल का काफिला सोनितपुर में था. राहुल ले घटना को लेकर कहा- आज बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता झंडा लेकर हमारी बस के सामने आ गए. मैं बस से निकला, वो भाग गए. हमारे जितने पोस्टर फाडऩे हैं, फाड़ दो. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारी विचारधारा की लड़ाई है, हम किसी से नहीं डरते हैं. न ही नरेंद्र मोदी से, न असम के मुख्यमंत्री से. कांग्रेस पार्टी ने न्याय यात्रा के काफिले पर 48 घंटे में दूसरी बार हमले का आरोप लगाया है.

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा -आज जब हमारा काफिला असम में रैली स्थल की ओर जा रहा था. तब जुमगुरीहाट में हिमंता बिस्वा सरमा के गुंडों ने महास चिव जयराम रमेश की गाड़ी पर पानी फेंका और स्टीकर फाड़ा. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- भाजपा के लोगों ने हमारी सोशल मीडिया टीम के कैमरामैन और अन्य सदस्यों पर हमला किया, जिनमें 2 महिलाएं भी थीं. हिमंता, यह गीदड़ हरकतें करनी और करवानी छोड़ दो. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को तुम और तुम्हारे गुंडे नहीं रोक सकते. इससे पहले 19 जनवरी की रात को भी कांग्रेस ने न्याय यात्रा के काफिले पर भाजपा के हमले का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें कुछ गाडिय़ों के शीशे टूटे हुए दिख रहे थे. साथ ही कुछ लोग पार्टी के होर्डिंग-बैनर उखाड़ते दिख रहे थे.

असम के सीएम बोले- राहुल अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ना जाएं

उधर, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी से 22 जनवरी (अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन) को नागांव जिले में श्री शंकरदेव के जन्मस्थल बोरदोवा सत्रा न जाने की अपील की. उन्होंने कहा- इससे देश में असम की गलत छवि बनेगी. उन्होंने कहा- श्रीमंत शंकरदेव एक असमिया सामाजिक-धार्मिक सुधारक हैं. वे कवि, नाटककार और 15-16वीं शताब्दी से असम के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक विशाल व्यक्तित्व हैं. लेकिन उनकी भगवान राम से तुलना गलत है. 19 जनवरी की रात यात्रा पर हुए हमले पर बोलते हुए असम सीएम ने कहा- मेरी राहुल से अपील है कि वह 22 जनवरी को अल्पसंख्यक बहुल इलाकों मोरीगांव, जागीरोड और नीली भी ना जाएं, क्योंकि यहां कानून व्यवस्था बिगडऩे का खतरा बना हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने इन इलाकों में कमांडो तैनात कर रखे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *