जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया जाएगा- पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के योगदान की सराहना की और कहा कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा। राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई के अवसर पर उच्च सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सदन की कार्यवाही में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मनमोहन सिंह की सराहना की और उनके दीर्घायु होने की भी कामना की। मनमोहन सिंह सहित उच्च सदन के 68 सदस्य फरवरी से मई महीने के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘इस अवसर पर मैं विशेष रूप से डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मरण करना चाहूंगा। वह छह बार इस सदन के सदस्य रहे। वह अपने मूल्यवान विचारों से सदन की चर्चाओं को समृद्ध करते रहे। सदन के नेता के रूप में तथा प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।’’ मोदी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के कारण कभी बहस के दौरान छींटाकशी हो जाती है लेकिन वह बहुत अल्पकालीन होता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है… देश का मार्गदर्शन किया है…वह हमेशा…जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी… कुछ माननीय सदस्यों की चर्चा होगी… उसमें डॉक्टर मनमोहन सिंह के योगदान की चर्चा जरूर होगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भी सदस्य इस सदन में आता है, वह चाहे किसी भी दल का क्यों न हो, अपने कार्यकाल के दौरान वह अपनी प्रतिभा और व्यवहार के दर्शन जरूर कराता है। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों के कार्यकाल से मार्गदर्शक के रूप में सीखने का प्रयास होना चाहिए। सदन और विभिन्न समितियों में मतदान के अवसर पर मनमोहन सिंह की भागीदारी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वह इन अवसरों पर भी व्हीलचेयर पर आए और लोकतंत्र के प्रति भागीदारी सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि विजय सत्ताधारी पक्ष की होने वाली है लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए और उन्होंने मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, उसका वह उदाहरण है। वह प्रेरक उदाहरण था। इतना ही नहीं, मैं देख रहा था कि कभी कमेटी सदस्यों के चुनाव हुए तो भी वह व्हीलचेयर में वोट देने आए। सवाल यह नहीं है कि वह किसको ताकत देने के लिए आए थे… मैं मानता हूं वह लोकतंत्र को ताकत देने आए थे।’’ उन्होंने मनमोहन सिंह के दीर्घायु होने की कामना की और कहा कि वह निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहें और हमें प्रेरणा देते रहें। मनमोहन सिंह देश के चौदहवें प्रधानमंत्री थे। वर्ष 2004 से 2014 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था। आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक नीति के निर्धारण में उनकी भूमिका की आज भी सराहना होती है।

मनमोहन की तारीफ पर खड़गे ने जताया पीएम मोदी का आभार, अच्छे कामों की सराहना का दिया सुझाव

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया और कहा कि अच्छे कामों की तारीफ और कमियों को उजागर करने का क्रम चलते रहना चाहिए। उच्च सदन से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई देते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा पर भी चुटकी ली और उनके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की सराहना किए जाने पर यह कहते हुए आश्चर्य जताया कि वह कभी किसी की तारीफ नहीं करते। मनमोहन सिंह और नौ मंत्रियों सहित कुल 68 सदस्य फरवरी से मई महीने के बीच उच्च सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। खड़गे ने महत्वपूर्ण विधेयकों को जल्दबाजी में पारित किए जाने पर चिंता भी जताई और सदन में उचित चर्चा की मांग की। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को उच्च सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। खरगे ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों को निलंबित करके सदन में विधेयक पारित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया विधेयकों को जल्दबाजी में पारित न करें।’’ उन्होंने कहा कि विधेयकों पर उचित चर्चा न होने से कानूनों में गलतियों की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि उन्हें ठीक करने के लिए बाद में संशोधन लाए जा रहे हैं। खरगे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सदस्यों को विदाई देते हुए मनमोहन सिंह की तारीफ की थी और कहा था कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा।

इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक का मनमोहन सिंह का जो कार्यकाल था… वह बहुत ही अच्छा था… उनके काम की उन्होंने जो सराहना की, इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। ऐसे ही चलते रहे… जो काम अच्छे होते हैं उसकी तारीफ करो और जो कमियां होती हैं वह गिनते जाओ।’’ खड़गे ने कहा कि मनमोहन सिंह के जमाने में चाहे वह वित्त मंत्री रहे हों या फिर प्रधानमंत्री, देश में बहुत अच्छे काम हुए और वह देश को पटरी पर लेकर आए। उन्होंने कहा, ‘‘और प्रगति जो चल रही है… वहीं से ही शुरू हुई है।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि मनमोहन सिंह विश्व के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और उनके समय में आज तक की सबसे अधिक विकास दर रही है। खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और सूचना का अधिकार सहित उनके कार्यकाल के दौरान हुए विभिन्न सुधारों को याद करते हुए खरगे ने कहा कि एक प्रेरक व्यक्ति के रुप में उन्होंने जो छाप छोड़ी है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा और आज इसकी तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी की है। मनमोहन सिंह के लिए उन्होंने शेर भी पढ़ा जो इस प्रकार था-‘‘आपकी सोच को आवाज हम देंगे, आपके खौफ को आगाज हम देंगे, आपके जाने पर इतना भरोसा दिलाते हैं, आपके इरादों को परवाज हम देंगे।’’ खड़गे ने हाल ही में मोदी की देवेगौड़ा से हुई मुलाकात का उल्लेख किया और कहा कि इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने वर्तमान प्रधानमंत्री की जो तारीफ की है वह आश्चर्यचकित करने वाली है।

उन्होंने कहा कि ऐसा अचानक क्या हुआ कि जिसने जिंदगी भर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की लड़ाई लड़ी और किसानों की राजनीति की, वह इस उम्र में ‘मोदी साहब’ से गले मिल गए। उन्होंने कहा कि इसके बाद देवेगौड़ा जी ने सदन में प्रधानमंत्री की बहुत तारीफ की। खड़गे ने कहा, ‘‘कभी किसी की तारीफ करने की उनकी (देवेगौड़ा) आदत ही नहीं है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि उन्होंने कैसे मोदी जी की तारीफ की। मैंने लंबे समय तक कर्नाटक में और यहां सदन में उनके साथ काम किया है। (उन्होंने) कभी किसी की तारीफ नहीं की। वह (देवेगौड़ा) कहते हैं कि मोदी अकेले प्रधानमंत्री हैं जो उन्हें प्यार करते हैं… अगर यही लव अफेयर पहले होता तो अच्छा था… 91 साल में क्या करेंगे।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदस्यों के विदाई के अवसर पर वह बहुत भावुक हैं क्योंकि उनके सबसे बेहतर संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सदन में भले ही लड़ाई हो, लेकिन बाहर यह गुस्सा खत्म हो जाता है।’’ उन्होंने कहा कि राज्यसभा में कई दिग्गजों ने अपने कौशल की गहरी छाप छोड़ी है और जो साथी नहीं आएंगे वे समाज के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति का मतलब केवल सांसद या विधायक बनना ही नहीं होता। इस क्षेत्र में लोग आते हैं और अपना पूरा जीवन जनकल्याण में लगा देते हैं।’’

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