भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से आ रही नमी के कारण प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के जिलों में गरज-चमक के साथ रुक-रुककर वर्षा हो रही है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में कई स्थानों पर वर्षा हुई।
ओले भी गिर सकते हैं
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादल बने रहने एवं ऊपरी स्तर पर हवा का रुख उत्तरी होने के कारण पूरे प्रदेश में दिन और रात के तापमान में गिरावट होने लगी है। इससे तपिश से राहत मिल गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 24 फरवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में आने के बाद 25 फरवरी से प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना है। मराठवाड़ा से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इसके अलावा उत्तर भारत से लेकर मध्य प्रदेश तक पश्चिमी जेट स्ट्रीम बनी हुई है। इसमें 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में लगभग 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इसके अलावा ऊंचाई के स्तर पर हवाओं का रुख उत्तरी बना हुआ है। इस वजह से तापमान में गिरावट होने लगी है। वातावरण में नमी रहने के कारण उत्तर प्रदेश से लगे जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला अभी बना रहेगा