भोपाल। मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगी। इसी माह के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की घोषणा भी संभावित है। इसके पहले उन्हें सेवावृद्धि दी जा सकती है। दरअसल, ऐसा नहीं होता है तो फिर अगला मुख्य सचिव सरकार अपनी पसंद से पदस्थ नहीं कर पाएगी। वरिष्ठता के आधार पर चुनाव आयोग को तीन नाम प्रस्तावित करने होंगे और फिर उसकी सहमति से ही पदस्थापना होगी। सामान्यत: ऐसे मामलों में वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापना होती है।
पूर्णकालिक मुख्य सचिव
वीरा राणा को भी वरिष्ठता के आधार पर ही आयोग की सहमति से मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया था और फिर चुनाव उपरांत सरकार ने उन्हें पूर्णकालिक मुख्य सचिव नियुक्त किया।चुनाव में सीधे तौर पर तो मुख्य सचिव की कोई भूमिका नहीं होती है पर कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर सीधा नियंत्रण होने के कारण आयोग के दिशा निर्देश का पालन वे ही सुनिश्चित कराते हैं। चुनाव के दौरान वे प्रतिनियुक्ति पर आयोग के अधीन माने जाते हैं।
राणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगी
विधानसभा चुनाव के बाद यह दूसरा अवसर है कि मुख्य सचिव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसके पहले मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की दूसरी सेवावृद्धि की अवधि चुनाव के समय पूरी हुई थी और सरकार ने तीसरी सेवावृद्धि दिलाने के स्थान पर वरिष्ठता के आधार पर आयोग की सहमति से 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया था। राणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगी और इसके पहले चुनाव की घोषणा हो जाएगी।
सेवावृद्धि दिलाने के पक्ष में सरकार
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि सरकार किसी नए अधिकारी को आगे करने के स्थान पर फिलहाल उन्हें ही सेवावृद्धि दिलाने के पक्ष में है। चूंकि, उन्हें मुख्य सचिव पद पर काम करने को लेकर कम ही समय मिला है और मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव से उनका तालेमल भी अच्छा है, इसलिए सेवावृद्धि दिलाने की तैयारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जाएगा और उनके अनुमोदन से चुनाव की घोषणा के पहले सेवावृद्धि मिल सकती है।
वरिष्ठता के अनुसार तीन नाम
यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर आयोग को वरिष्ठता के अनुसार तीन नाम प्रस्तावित करने होंगे। इसमें प्रदेश में उपलब्ध वरिष्ठ अधिकारी 1988 बैच के संजय बंदोपाध्याय, 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान और इसी बैच के विनोद कुमार के नाम भेजे जाएंगे। बंदोपाध्याय हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से प्रदेश वापस भेजे गए हैं और अगस्त 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। मोहम्मद सुलेमान जुलाई और विनोद कुमार मई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।