वसीयत के आधार पर किया गया नामांतरण अवैधानिक करार, एचसी ने दिए आदेश

जबलपुर प्रादेशिक मध्‍य प्रदेश

जबलपुर। हाई कोर्ट ने जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में वसीयत के आधार पर किया गया नामांतरण अवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति गुरुपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपत्ति से जुड़े सभी कानूनी उत्तराधिकारियों के नाम शामिल करें। नामांतरण सिविल विवाद के अंतिम निराकरण से बाध्य रहेगा। वहीं अनावेदकों को यह स्वतंत्रता दी कि वे वसीयत के आधार पर टाइटल के लिए सिविल कोर्ट में दावा कर सकते हैं।याचिका कर्ता सागर निवासी आनंद कुमार जैन व अजय कुमार की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सागर जिले के अनुविभागीय अधिकारी व तहसीलदार ने याचिकाकर्ताओं की खसरा नंबर 64 की पैतृक संपत्ति में वसीयत के आधार पर चंद्र कुमार जैन व सौरभ सिंघई के नाम पर नामांतरण कर दिया था। इसी को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

अधिवक्ता त्रिपाठी ने दलील दी गई कि वसीयत के आधार पर नामांतरण के अधिकार सिविल कोर्ट है, राजस्व न्यायालय को नहीं। उन्होंने बताया कि आपत्ति के बावजूद 11 जुलाई, 2023 को एसडीओ ने अनावेदकों के नाम संपत्ति में नामांतरण कर दिया। उन्होंने कई उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का उल्लेख करते हुए दलील दी कि राजस्व अधिकारियों के पास वसीयत की वसीयत की प्रामाणिकता, शुद्धता, यथार्थता पर निर्णय लेने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, यह कार्य केवल सिविल कोर्ट ही कर सकती है।

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