सीधी। मौसम के यू टर्न से किसानों को जिस बात का डर था वही हुआ। शनिवार से खराब मौसम के कारण बूदाबांदी व बारिश का दौर चल रहा था। लेकिन रविवार अपरान्ह अंधड़ के साथ तेज बारिश व ओलावृष्टि शुरू हो गई। करीब दस मिनट तक कहीं आंवलें के आकार तो कहीं बेर व चने के आकार के ओले गिरने से किसानों की दलहनी व तिलहनी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अंधड़ व तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खेतों में ही पसर गई हैं। ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान कुसमी तहसील क्षेत्र के गांवों में होना बताया गया है।
बता दें कि दो दिन पहले जिले में मौसम ने फिर यू टर्न लिया और आसमान में बादलों ने डेरा डाल लिया था। शनिवार को सुबह से ही बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया था। जिले के विभिन्न अंचलों में पूरे दिन रूक रूक कर बंूदाबांदी चलती रही। लेकिन रात में जिले भर में तेज बारिश हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया था। हालांकि बारिश के कारण भी दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान था, लेकिन उससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। रविवार को अपरान्ह करीब 4.45 बजे अंधड़ के साथ बारिश व ओलावृष्टि शुरू हो गई, जिससे गेहूं की फसल छोडक़र अन्य फसलों को काफी नुकसान होना बताया जा रहा है।
कुसमी अंचल के इन गांवों में हुई ओलावृष्टि-
कुसमी तहसील क्षेत्र अंतर्गत रविवार को अपरान्ह 4.45 बजे करीब दर्जन भर गांव में बारिश के साथ आंवले के आकार के ओले गिरे हैं। जिससे किसानों की फसलों को काफी क्षति हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भदौरा, कतरवार, गोतरा, टमसार, रामपुर, गुडुआधार, ठाड़ीपाथर, पोड़ी, बजबई, ददरिहा, धुआंडोल मे बारिश के साथ करीब 10 मिनट तक आंवले के आकार के ओले गिरे हैं, जिससे किसानों के कच्चे घर के छप्पर नष्ट हो गये, साथ ही गेहंू, सरसो, अरहर, चना, मसूर आदि की फसल नष्ट हो गई।
मझौली अंचल के इन गांवों में ओलावृष्टि-
कुसमी तहसील क्षेत्र के साथ ही मझौली तहसील क्षेत्र के भी करीब एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई है। लेकिन यहां बेर व चने के आकार के ओले गिरे हैं। इससे भी किसानों की दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान होना बताया जा रहा है। ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में मड़वास, नदहा, मझिगवां, बरहाटोला, रामपुर, सैजनहा, दादर, चंदोहीडोल, पथरौला आदि शामिल हैं।
गुडुआधार गांव में भारी नुकसान-
ओलावृष्टि से सर्वाधिक नुकसान कुसमी तहसील अंतर्गत गुडुआधार गांव में होना बताया जा रहा है। यहां आंवले से भी बड़े आकार के कुछ ओले गिरे हैं। ओला वृष्टि के कारण कई किसानों के कच्चे मकानों के छप्पर टूट गए तो खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है।