इत्र कारोबारी पीयूष जैन कस्टम के मामले में दोषमुक्त, डीजीजीआई ने बरामद किया था 23 किलो सोना

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कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से मिले 23 किलो सोने के मामले में मंगलवार फैसला आया। कस्टम विभाग की छह शर्तें पूरी करने के बाद स्पेशल सीजेएम की कोर्ट ने इत्र कारोबारी को दोष मुक्त करार दिया। बता दें कि वर्ष 2021 में डायरेक्टोरेट जनरल जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की छापेमारी में इत्र कारोबारी के कानपुर व कन्नौज स्थित ठिकानों से 197 करोड़ रुपये नकद व 23 किलो सोना बरामद हुआ था। मामले में जीएसटी चोरी व कस्टम एक्ट के तहत सोना तस्करी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी निवासी में डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने छापेमारी की थी। टीम ने आवास की दीवारें और फर्श तोड़ी तो इत्र कारोबारी के घर से नोटों की गड्डियां गिरने लगी, जिस देख कर अधिकारी भी भौचक्का रह गए थे।

डीजीजीआई टीम ने रुपयों से भरे 42 बक्से जब्त किए थे। इसके साथ ही टीम ने पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास में छापेमारी की थी, जिस पर टीम ने करीब 23 किलो सोना बरामद किया था। कई दिनों चली छापेमारी 28 दिसंबर 2021 को खत्म हुई थी। टीम ने छापेमारी में 197 करोड़ रुपये व 23 किलो सोना जब्त कर जीएसटी चोरी व सोना तस्करी के आरोप में कस्टम एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी पीयूष जैन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। कस्टम एक्ट के मामले में पीयूष जैन ने मुख्य आयुक्त कस्टम (निवारक) प्रक्षेत्र पटना को प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें मामले में बरामद किया गया सोना जब्त कर दोष मुक्त करने की अपील की गई थी।

जिस पर कस्टम विभाग ने छह सूत्रीय मांग पूरी करने के निर्देश दिए थे। जिनमें से आदेश के 30 दिन के भीतर 56.86 लाख की पेनाल्टी, आरोपी द्वारा जब्त किए गए सोने व अन्य सामग्री के पर कोई दावा न किया जाए, लखनऊ आयुक्त (अपील) के समक्ष वापस ली गई अपील को पुर्नजीवित न किया जाए, उन्मुक्ति का आदेश न्यायालय के अनुमोदन के आधीन होगा समेत अन्य निर्देश दिए गए थे। पीयूष जैन ने कस्टम विभाग की शर्तों को पूरा करते हुए 56.86 लाख की पेनाल्टी को जमा कर दिया गया था। इसके बाद पीयूष जैन ने स्पेशल सीजेएम स्नेहा की कोर्ट में मुकदमा खत्म करने की अपील दाखिल की थी। मंगलवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पीयूष जैन को दोष मुक्त करार दिया।

कुछ इस तरह शुरू हुई थी कार्रवाई

डीजीजीआई टीम ने सबसे पहले गुजरात में पान मसाला लदे चार ट्रकों को पकड़ा था। ट्रक ट्रांसपोर्ट नगर के गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी के थे और माल त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड का था। ट्रक में जो माल बरामद हुआ उसके कागजात फर्जी मिले और उनका ई-वे बिल भी जारी नहीं किया गया था। टीम ने छापेमारी की तो जानकारी मिली की पान मसाला कंपनी को पीयूष जैन अपना एसेंस सप्लाई करते है। इसके बाद टीम ने पीयूष जैन के आवास में छापेमारी की थी।

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