फीस के भी नहीं थे पैसे, बेचा पोहा-चाय, 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण विस सीट से जीत हासिल की….

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

59 वें जन्मदिन पर विशेष
डॉ. मोहन यादव के संघर्ष की कहानी

भोपाल| मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आज यानि सोमवार को जन्मदिन है। उनका जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ था। होली के साथ अपने 59 वें जन्मदिन को सेलिब्रेट करने के लिए उन्होंने सीएम हाउस में कार्यक्रम रखा था लेकिन उज्जैन में हुए हादसे के बाद इसे स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री के बर्थडे के मौके पर हम आपको डॉ. यादव के संघर्ष की कहानी बता रहे हैं।

सीएम की रेस में डॉ. मोहन यादव का नाम कहीं नहीं था
उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव को विधानसभा चुनावों के बाद जब शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर बीजेपी विधायक दल का नया नेता चुना गया तब हर कोई हैरान रह गया था। सीएम की रेस में डॉ. मोहन यादव का नाम कहीं था ही नहीं लेकिन बीजेपी आलाकमान ने उनपर भरोसा जताया।

शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में मोहन यादव कैबिनेट मंत्री थे। तीसरी बार विधायक बनने के साथ ही एमपी के सीएम बने डॉ. मोहन यादव बेहद साधारण परिवार के हैं। उनका बचपन तो बेहद तंगी में गुजरा। डॉ. यादव के पिता एक मिल में मामूली तनख्वाह की नौकरी करते थे। पिता की कमाई कम थी लेकिन परिवार की जरूरतें ज्यादा थीं। हाल ये था कि उनके पास स्कूल की फीस देने के भी नहीं रहते थे। मोहन यादव के एक टीचर उनकी पढ़ाई का खर्च उठाते थे। परिवार का खर्च चलाने के लिए पिता और चाचा ने मालीपुर इलाके में चाय-पोहे और भजिए की दुकान खोली। यहां डॉ. यादव भी पिता का हाथ बंटाने आते थे और चाय—पोहा—भजिए बेचते थे।

उनकी जिंदगी में 17 वें साल में तब टर्निंग प्वाइंट आया जब वे एबीवीपी और राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। यहां से प्रारंभ हुआ उनका राजनैतिक सफर इतनी तेजी से बढ़ा कि फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। दरअसल उनकी आरएसएस की पृष्ठभूमि ने ही उन्हें राज्य के प्रमुख पद पर पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। सन 1982 में एबीवीपी और इसके बाद भाजयुमो में काम करते हुए मोहन यादव संघ में भी लगातार सक्रिय रहे। 1982 में चाय—पोहे की होटल से ही वे पढ़ाई के साथ छात्र राजनीति में कूद पड़े थे। 1984 में छात्र संघ का अध्यक्ष का चुनाव जीतकर अपना परचम लहरा दिया। छात्र संघ के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सराफा में रेस्टोरेंट भी चालू कर दिया।

राजनीतिक करियर
डॉ.मोहन यादव ने 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। 2018 में वे एक बार फिर उज्जैन दक्षिण सीट से ही जीतकर विधायक बने।
2 जुलाई 2020 को शिवराजसिंह चौहान मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री बने
सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन
सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्‍यक्ष.
सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्‍जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख.
सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्‍यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई
के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्‍ट्रीय मंत्री.
सन् 1993-95 में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ, उज्‍जैन नगर के सह खण्‍ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्‍ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह.
सन् 1997 में भाजयुमो की प्रदेश कार्य समिति के सदस्‍य
सन् 1998 में पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्‍य.
सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्‍जैन संभाग प्रभारी.
सन् 2000-2003 में विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन की कार्यपरिषद के सदस्‍य.
सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्‍य.
सन् 2004 में सिंहस्‍थ, मध्‍यप्रदेश की केन्‍द्रीय समिति के सदस्‍य.
सन 2004-2010 में उज्‍जैन विकास प्राधिकरण के अध्‍यक्ष (राज्‍य मंत्री दर्जा).
सन् 2011-2013 में मध्‍यप्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम के अध्‍यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भाजपा. प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्‍य.
उज्‍जैन के समग्र विकास के लिए अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्‍मा गांधी पुरस्‍कार
इस्‍कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्‍मानित.

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