देवास। देवास जिले में किसानों द्वारा खेतों की मेड़ पर कुआं निर्मित किया जाता है, लेकिन उसकी मुंडेर नहीं बनाई जाती है। ऐसे किसानों को चिह्नित कर उन पर धारा 188 में प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। इसी के तहत बरोठा पटाड़ी मार्ग के ग्राम रतेड़ी में स्थित कृषक प्रह्लाद पुत्र गेंदालाल, अशोक कुमार पुत्र गेंदालाल, ताराचंद पुत्र गेंदालाल की भूमि में बिना मुंडेर के कच्चा कुआं स्थित है, जो बरोठा पटाड़ी मार्ग से लगा हुआ है। भूमि स्वामी संजय पुत्र हरिमोहन, उमेश पुत्र हरिमोहन, कलाबाई पुत्र हरिमोहन एवं छगनलाल पुत्र रामाजी की कृषि भूमि पर बिना मुंडेर के कुएं है। कृषकों द्वारा इस संबंध में लगातार लापरवाही बरती जा रही थी और कुएं की मुंडेर को पक्का नहीं किया जा रहा था। इस संबंध में कार्रवाई करते हुए धारा 188 के तहत नायब तहसीलदार बरोठा द्वारा कृषकों पर एफआईआर दर्ज की गई है। देवास जिले में संभवत: पहली बार इस तरह की बड़ी कार्रवाई हुई है, जिसमें सात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि बिना मुंडेर के कुओं, खुले बोरिंग आदि को लेकर शासन स्तर से लगातार निर्देए जा रहे हैं। बीते दिनों प्रदेश के कुछ हिस्सों में खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं हुई हैं। कार्रवाई के आदेश आने पर प्रशासनिक अमला खानापूर्ति करता है और भूल जाता है। बिना मुंडेर के कुओं के भी यही हाल है। जिलेभर में ऐसे स्थान हैं, जहां बिना मुंडेर के कुएं हैं। इनके कारण हादसे होते हैं।
यहां है धारा 188
शासकीय आदेश का उल्लंघन करने की धारा है। इसके तहत यदि किसी लोक सेवक द्वारा विधिपूर्वक दिए गए आदेश का उल्लंघन करने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा आदि के लिए खतरा उत्पन्न होता है तो आईपीसी 188 के तहत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। इसके लिए अधिकतम छह माह की सजा व एक हजार रुपये अर्थदंड का प्रावधान है।कोरोना काल से यह धारा ज्यादा प्रचलन में आई, क्योंकि तब लाकडाउन के आदेश के उल्लंघन के कई मामले सामने आए थे। इस धारा में पुलिस थाने से ही जमानत हो जाती है। मुचलके पर छोड़ा जाता है। धारा 41 के तहत नोटिस दिया जाता है, जिसमें लिखा रहता है कि बुलाए जाने पर न्यायालय में उपस्थित हो।