पीएम मोदी के समर्थन पर “खामियां निकालने” के लिए अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार करते हुए मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी “आंखें पीलियाग्रस्त” हो गईं हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अयोध्या राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता. आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पीएम मोदी को बिना शर्त समर्थन की घोषणा करने वाले राज ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि एमएनएस उन नेताओं की एक सूची तैयार करेगी, जिनसे ‘महायुति’ गठबंधन चुनाव समन्वय के लिए संपर्क कर सकता है. हालांकि, राज ठाकरे इस सवाल को टाल गए कि क्या वह महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन महायुति के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे.
राज ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों, पदाधिकारियों और फ्रंटल संगठनों से मुलाकात की और उनसे महायुति समर्थित उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने को कहा है. उम्मीद है कि मनसे नेताओं को उचित सम्मान मिलेगा.
48 सांसदों का चुनाव करने वाले महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में होंगे. राज ठाकरे ने कहा, “अगर नरेंद्र मोदी नहीं होते तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी राम मंदिर नहीं बन पाता. यह एक लंबित मुद्दा बनकर रह जाता.” नवंबर 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण में आने वाली कानूनी बाधाओं को दूर कर दिया. राम मंदिर में इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी.
मांग भी बता दी
राज ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से संबंधित मामला 1992 से लंबित था, जब बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. समर्थन देने के फैसले के बारे में बताते हुए कहा, “कुछ अच्छी चीजें होने की सराहना की जानी चाहिए. एक तरफ, एक अक्षम (नेतृत्व) है और दूसरी तरफ, मजबूत नेतृत्व है. इसलिए हमने नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के बारे में सोचा.” पीएम मोदी के समर्थन पर “खामियां निकालने” के लिए अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार करते हुए मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी “आंखें पीलियाग्रस्त” हो गईं हैं. राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के बारे में उनकी कुछ मांगें हैं, जिनमें मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देना और राज्य के किलों की देखभाल शामिल है. भाजपा को इस बारे में बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी को गुजरात अधिक प्रिय है क्योंकि वह वहीं से आते हैं, लेकिन उन्हें इसी तरह अन्य राज्यों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए.