भिंड। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज संविधान की किताब दिखा कर दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनने पर इसे फाड़ कर फेंकने का सपना देख रही है, लेकिन दुनिया में कोई ऐसी ताकत नहीं, जो भारत के संविधान को नष्ट कर सके। राहुल गांधी मध्यप्रदेश के भिंड में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहे। राहुल गांधी ने कहा कि ये चुनाव दो विचारधाराओं के बीच का चुनाव है, एक तरफ ‘इंडिया’ गठबंधन है, जो संविधान बचाने की कोशिश कर रहा है। इसी दौरान उन्होंने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि इस किताब के पहले दलितों और आदिवासियों के पास कोई हक नहीं थे, वंचितों को जो कुछ मिला है, इसी किताब के बाद मिला है। अब ‘मोदी-शाह’ और उनके सांसदों ने मन बना लिया है। कि अगर चुनाव जीते तो इस किताब को फाड़ कर फेंक देंगे। चुनाव की लड़ाई ये ही है। उन्होंने कहा कि जो देश में प्रगति हुई है, जो गरीबों को मिला है, ऐसे में सब गायब हो जाएगा। भाजपा चाहती है कि ये किताब फेंक दी जाए और देश को 20-22 अरबपति चलाएं। हिंदुस्तान में सार्वजनिक क्षेत्र बने, गरीबों को आरक्षण मिला, सारे अधिकार इसी किताब से मिलते हैं। अगर ये किताब खत्म हुई, तो गरीब, दलित और आदिवासियों की आवाज खत्म हो जाएगी।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने साफ कहा है, गृह मंत्री अमित शाह और बड़े नेताओं ने कहा है कि अगर चुनाव में उनकी जीत हुई तो संविधान को बदल दिया जाएगा, रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे ये कहने आए हैं कि ये पुस्तक गरीब लोगों की आत्मा है। इसे कोई छू नहीं सकता है, भाजपा वाले बस सपना देख रहे हैं। दुनिया में कोई शक्ति नहीं है, जो इसे बदल सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और डॉ भीमराव अंबेडकर ने जनता के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई की और हिंदुस्तान की इस आवाज (संविधान) को बनाया। इसे हम ऐसे नहीं मिटने देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा वाले कहते हैं कि वे आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, अगर ऐसा नहीं है। तो पब्लिक सेक्टर का क्यों निजीकरण कर रहे हैं। अग्निवीर क्यों लाए। अगर भाजपा आरक्षण के खिलाफ नहीं है, तो ये सब नहीं करना चाहिए। ये सभी कार्य आरक्षण के खिलाफ हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 24 साल का मनरेगा का पैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 विशेष लोगों को सौंप दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में ये सारे 22 लोग थे, वहां किसी को कोई गरीब दिखा क्या। हजारों करोड़ वाले लोग वहां आए, पर वहां कोई छोटा दुकानदार, आदिवासी और दलित नहीं दिखा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की आदिवासी राष्ट्रपति को भी वहां नहीं बुलाया गया।