मप्र : पानी की कमी से जनता हलाकान और प्रशासन मौन

प्रादेशिक मध्‍य प्रदेश सीधी

मुख्यमंत्री सीधी में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के लिये व्यक्तिगत रुचि लें- अजय सिंह

सीधी/भोपाल| पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक अजयसिंह ने सीधी जिले के ग्रामीण इलाकों में जल संकट को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि गाँव वाले पानी की कमी से हलाकान हैं और प्रशासन मौन। जब प्रशासन को पता है कि हर साल पानी का स्तर नीचे जाने पर जल संकट गहरा जाता है तो जनवरी माह से ही कार्ययोजना क्यों तैयार नहीं की गई। उन्होंने शासन प्रशासन की लापरवाही पर आश्चर्य व्यक्त किया है और न केवल सीधी बल्कि पूरे रीवा संभाग के सभी जिलों के लिये तत्काल पानी की वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।

अजय सिंह ने कहा कि सीधी जिले में वर्षों से पीएचई में पद खाली पड़े हैं लेकिन शासन प्रशासन को कोई चिन्ता नहीं है। उन्हें पानी की कमी का एहसास ही नहीं है क्योंकि उनके घरों में तो भरपूर पानी आ रहा है। आम आदमी परेशान है। उन्हें पानी के लिये दरबदर भटकना पड़ रहा है। अकेले सीधी जिले में अधिकारी, कर्मचारी, लिपिक और मैकेनिक के 31 पद वर्षों से रिक्त हैं। उपयंत्री के आधे पद खाली पड़े हैं। यह सोचने की बात है कि बिना स्टाफ और संसाधन के काम कैसे होगा। यही कारण है कि मैकेनिक हैंडपम्प की मरम्मत करने नहीं पहुंच रहे हैं। जिले में लगभग बीस हजार हैंडपम्प हैं। लेकिन आलम यह है कि एक मैकेनिक के बूते लगभग तीन सौ हैंडपम्प की जिम्मेदारी है। यह शासन की घोर लापरवाही का नमूना है। नियमानुसार एक मैकेनिक को अधिकतम 60 हैंडपम्प की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जनता हैण्डपंपों में राइजिंग पाइप बढ़ाने की मांग कर रही है। सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि सुविधा शुल्क न मिलने पर महीनों तक हैंडपम्पों में सुधार न होना आम बात हो चुकी है। संविदा कर्मियों को जिम्मेदारी देने से पंपों की मरम्मत में जमकर मनमानी की जा रही है। राइजिंग पाइप बढाने का काम केवल कागजों में चल रहा है।

सिंह ने कहा कि सीधी जिले में जलजीवन मिशन की पानी की टंकी केवल देखने के लिये बनाई गई है क्योंकि करोड़ों का बजट खर्च होने के बाद भी गाँव वालों के घरों में लगी टोंटियों से पानी नहीं निकलता है। जलजीवन मिशन में घटिया काम हुआ है और अधिकारियों से सांठ-गांठ के चलते आधे अधूरे काम के बाद भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया है। यह सब सब तब हो रहा है जब प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। उन्होंने शासन से मांग की है कि समय रहते सीधी जिले की पानी की समस्या का निराकरण किया जाये अन्यथा क्षेत्र में बड़े जनांदोलन से इन्कार नहीं किया जा सकता ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *