भोपाल। नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती देने के लिए अब अध्यक्ष के चुनाव के तीस दिन के भीतर चुनौती दी जा सकेगी। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अध्यादेश के माध्यम से नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया है। मध्य प्रदेश में अभी तक पार्षद और अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाता द्वारा किया जाता था। इसमें संशोधन करके यह प्रविधान किया गया है कि पार्षद का चुनाव सीधे मतदाताओं से और अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा किया जाएगा। इसके कारण पार्षद और अध्यक्ष के निर्वाचन को चुनौती देने में समस्या आ रही थी।
दरअसल, अधिनियम की धारा 20 में यह प्रविधान है कि परिणाम की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित होने के भीतर निर्वाचन को चुनौती दी जा सकती है। यह व्यवस्था तब थी जब पार्षद और अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं के माध्यम से होता था लेकिन अब परिस्थितियां अलग हो गई हैं। इसलिए अब यह प्रविधान किया गया है कि पार्षद के निर्वाचन की अधिसूचना प्रकाशित होने और कलेक्टर द्वारा अध्यक्ष का निर्वाचन कराए जाने के तीस दिन के भीतर न्यायालय में चुनौती दी जा सकेगी। विधानसभा के मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाकर इस प्रविधान को पारित कराया जाएगा।