भोपाल। भले ही मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो गया हो, मगर लाड़ली बहना, राशन के लिए पात्रता पर्ची समेत किसी भी योजना में नए हितग्राही अभी नहीं जुड़ सकेंगे। विधायक भी अभी न तो स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत कर पाएंगे और न ही क्षेत्र विकास निधि के काम ही स्वीकृत होंगे। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से स्थिति साफ करते हुए बताया है कि अभी चुनाव की आचार संहिता प्रभावी है, इसलिए इस अवधि में कोई भी नीतिगत कार्य बिना आयोग की अनुमति के नहीं किए जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में चार चरणों में सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है। इसके बाद विभिन्न योजनाओं में नए नाम जोड़ने और हटाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने के संबंध में कुछ जिलों से मार्गदर्शन मांगा गया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से पूछा तो स्पष्ट किया गया कि आचार संहिता मतगणना की प्रक्रिया पूरी होते तक प्रभावी रहती है। ऐसे में कोई भी नीतिगत कार्य बिना आयोग की अनुमति के नहीं किया जा सकता है। किसी भी हितग्राही मूलक योजना में नए नाम अभी शामिल नहीं किए जाएंगे। विधायक भी स्वेच्छानुदान हो या फिर क्षेत्र विकास निधि से होने वाले कामों को स्वीकृति नहीं दे सकते हैं। निर्वाचन से जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का स्थानांतरण भी नहीं होगा।
किसी भी अधिकारी की पदस्थापना करनी हो तो पहले आयोग को प्रस्ताव भेजकर अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं निर्वाचन से जुड़े किसी भी अधिकारी का अवकाश भी बिना अनुमति स्वीकृत नहीं किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि मतदान के पहले जो स्थिति थी, वही आज भी है। विभागों को नीतिगत कोई भी काम करना है या नए हितग्राही जोड़ने है तो उसके पहले अनुमति लेनी होगी। मतगणना चार जून को होगी।
प्रस्ताव भेजने से पहले औचित्य का परीक्षण कर लें
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि चुनाव आयोग से अनुमति लेने के लिए प्रस्ताव भेजने से पहले उसके औचित्य का परीक्षण कर लें। इसमें यह अवश्य देखें कि चार जून के बाद आचार संहिता समाप्त हो जाएगी तब पहले अनुमति लेकर कार्य करना क्यों आवश्यक है। यदि अति आवश्यक न हो तो प्रस्ताव भेजने से बचना चाहिए।