मप्र में कांग्रेस बदलेगी संगठन का चेहरा, 50 वर्ष तक वाले होंगे आधे पदाधिकारी

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस प्रदेश संगठन का चेहरा बदलने जा रही है। इसमें जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक आधे पदाधिकारी 50 वर्ष से कम आयु के होंगे। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और अन्य विभाग व प्रकोष्ठ के कुछ पदाधिकारियों को मुख्य संगठन में लेने के साथ ही इनके संगठनों को भी नया रूप दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के डेढ़ माह के भीतर संगठन को पूरी तरह से बदलने की तैयारी है। इसमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा।विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को बनाकर पीढ़ी परिवर्तन का संदेश दिया गया था। पटवारी ने केंद्र संगठन को प्रदेश कार्यकारिणी के लिए 64 नाम भी प्रस्तावित किए हैं। लोकसभा चुनाव के कारण केंद्रीय संगठन से हरी झंडी नहीं मिली है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव होने के बाद एक बार फिर अब संगठन को नए सिरे से तैयारी करने कवायद प्रारंभ हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि डेढ़ माह में सभी पहलूओं पर विचार करके नई टीम तैयार की जाएगी। नए चेहरों को आगे लाया जाएगा तो वरिष्ठ नेताओं का उपयोग भी किया जाएगा। इसके संकेत उन्होंने कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में भी दे दिए। उधर, युवा कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह भी संगठन को आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करने 22 मई से जिलेवार समीक्षा करेंगे।इसके बाद नए चेहरों को अवसर देने का निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, मोर्चा-प्रकोष्ठों की लोकसभा चुनाव में भूमिका को लेकर संगठन संतुष्ट नहीं है। बूथ स्तर पर जिस तरह के काम की अपेक्षा इन संगठनों से की गई थी, वह कहीं भी नजर नहीं आई है।

आठ-दस नेताओं ने संभाला मोर्चा
जीतू पटवारी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। तब से संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष राजीव सिंह, जेपी धनोपिया, मुकेश नायक, गोरकी बैरागी, केके मिश्रा समेत कुछ पदाधिकारी ही काम कर रहे थे। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना और आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम को बैतूल से चुनाव लड़ाया। दोनों अपने-अपने चुनाव में व्यस्त रहे, इसके कारण संगठन का काम भी प्रभावित हुआ।

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