भोपाल। लोकसभा चुनाव की चार जून को होने वाली मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कलेक्टरों से कहा है कि जिन सीटों पर प्रत्याशियों की संख्या अधिक है, वहां ऐसी व्यवस्था की जाए कि परिणाम आने में देरी न हो। मतगणना के लिए 22 तक टेबल लगाई जाएंगी। भिंड, मुरैना सहित संवेदनशील लोकसभा सीटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रखी जाएगी। चार जून को सभी 52 जिला मुख्यालयों पर मतगणना होगी। मतगणना के लिए न्यूनतम सात और अधिकतम 14 टेबल लगाने का प्रावधान है। इससे अधिक टेबल लगाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना का कार्य तेजी से पूरा करने के लिए अधिक टेबल लगाने की अनुमति मांगते हैं। इस बार भी 22 टेबल लगाने की अनुमति मांगी गई थी, जो आयोग ने दे दी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने बताया कि टेबलों की संख्या का निर्धारण स्थान और कर्मचारियों की व्यवस्था पर निर्भर करता है। एक गणना टेबल पर तीन कर्मचारी लगते हैं। साथ ही जितने प्रत्याशी होते हैं, उनके अभिकर्ता रहते हैं। इतने लोगों की व्यवस्था को देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा टेबलों की संख्या प्रस्तावित की जाती है। जिलों में मतगणना के लिए कर्मचारी चिन्हित कर लिए गए हैं। इन्हें एक सप्ताह में गणना संबंधी प्रावधानों का प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों से दिलाया जाएगा।
डाक मतपत्र की गणना की निगरानी के लिए अलग से रहेंगे पर्यवेक्षक
डाक मतपत्रों की गणना के लिए अलग से टेबल लगाई जाएगी। इस कार्य की निगरानी के लिए अलग से पर्यवेक्षक रहेंगे। प्रत्याशी डाक मतपत्र की गणना के लिए अलग से अभिकर्ता नियुक्त कर सकते हैं। इस बार 75 हजार से अधिक सेवा मतदाताओं को डाक मतपत्र जारी किए गए हैं। 49 हजार 400 उन मतदाताओं के मतपत्रों की गणना भी इनके साथ होगी, जिन्होंने घर से मतदान किया है।