नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड को मंजूरी दी। जो पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में आरबीआई द्वारा भुगतान की गई राशि के दोगुना है। गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।
2,10,874 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी
आरबीआई ने कहा कि बोर्ड ने लेखा वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी है। आरबीआई ने 2022-23 के लिए 87,416 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास में पुनरुद्धार के साथ आकस्मिक जोखिम बफर को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को 6.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला लिया है।
सालाना रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी
मोदी सरकार की योजना चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा, व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 17.34 लाख करोड़ रुपये रखने की है। बजट 2024-25 में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये के लाभांश आय का अनुमान लगाया था। रिजर्व बैंक बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की। बोर्ड ने 2023-24 के दौरान आरबीआई ने कामकाज पर चर्चा की। पिछले वित्तीय वर्ष के लिए इसकी सालाना रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 और 2021-22 के दौरान मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 प्रकोप के कारण बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। बैंक ने कहा, ‘बिमल जालान की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुसार 2023-24 के लिए हस्तांतरणीय अधिशेष की गणना अगस्त 2019 में अपनाए गए ईसीएफ के आधार पर तय की गई है।’