मध्य प्रदेश में नर्सिंग कालेज रिश्वतकांड में ईडी की भी हो सकती है इंट्री

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

इस मामले में कोर्ट में चालान प्रस्तुत किए जाने के बाद ईडी इस मामले को लेकर जांच शुरू कर सकती है।
निरीक्षक राहुल राज को सीबीआइ दिल्ली की टीम ने भोपाल में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
कुल 23 लोगों को आरोपित बनाया गया है, इनमें सीबीआइ के डीएसपी आशीष प्रसाद भी शामिल हैं।

भोपाल। नर्सिंग कालेजों की जांच में सीबीआइ के कुछ अधिकारियों द्वारा घूसखोरी करने का भंडाफोड़ होने के बाद इस मामले में ईडी की भी इंट्री हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक पूरे मामले में ईडी की नजर है। जिस तरह से नर्सिंग कालेजों से 10 से 15 लाख रुपये लेकर उन्हें मापदंड के अनुसार उपयुक्त बताया गया है उस हिसाब से यह घोटाला 10 से 15 करोड़ रुपये का हो सकता है। सीबीआइ की ओर से इस मामले में कोर्ट में चालान प्रस्तुत किए जाने के बाद ईडी इस मामले को लेकर जांच शुरू कर सकती है। उल्लेखनीय है कि नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही सीबीआइ टीम के निरीक्षक राहुल राज को सीबीआइ दिल्ली की टीम ने भोपाल में शनिवार को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वत देने वाले भोपाल के म लय कालेज आफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, डायरेक्टर और एक दलाल को भी गिरफ्तार किया था। प्रदेश में अलग -अलग स्थानों से 13 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है। यह सभी 29 मई तक पुलिस हिरासत में है। कुल 23 लोगों को आरोपित बनाया गया है, इनमें सीबीआइ के डीएसपी आशीष प्रसाद भी शामिल हैं।

नर्सिंग कालेजों की जांच दूसरी टीमों को सौंपने की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि नर्सिंग कालेजों को उपयुक्त बताने के लिए रिश्वत लेने का भंडाफोड़ होने के बाद सीबीआइ दिल्ली इस मामले में जांच कर रही टीम को बदल सकती है। दिल्ली से विशेष टीम भेजकर जांच कराने पर विचार चल रहा है। हालांकि, सीबीआइ इस मामले में हाई कोर्ट के रुख की प्रतीक्षा कर रही है। कारण, कोर्ट के कहने पर ही सीबीआइ 364 नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही थी। इनमें 308 कालेजों की जांच पूरी होने के बाद कोर्ट को प्रस्तुत की जा चुकी है। जांच एजेंसी ने इनमें 169 कालेजों को मापदंड के उपयुक्त बताया है। इस आधार पर कोर्ट के निर्देश पर इनकी मान्यता बहाल कर दी गई है। बता दें कि अभी सात मुख्य टीमें नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही थीं।

हाई कोर्ट में आवेदन कर उपयुक्त कालेजों की जांच अमान्य करने की मांग करेगा ला स्टूडेंट एसोसिएशन
नर्सिंग कालेजों की जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाने वाले ला स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने कहा है कि वह हाई कोर्ट में आवेदन कर कोर्ट से मांग करेंगे कि आरोपित सीबीआइ अधिकारियों ने जिन कालेजों को अपनी जांच रिपोर्ट में उपयुक्त बताया है, उसे अमान्य किया जाए। बघेल ने पहले भी कोर्ट में आवेदन कर सीबीआइ की जांच पर संदेह जताया था। हालांकि, उन्होंने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया था। संदेह के पीछे उन्होंने सीहोर महावीर नर्सिंग कालेज की जांच को आधार बताया था। सीबीआइ की जांच में इस कालेज उपयुक्त बताया गया था। नर्सिंग कालेज का क्षेत्रफल आठ हजार वर्गफीट बताया गया था, जबकि कलेक्टर ने जांच कराई तो यह तीन हजार वर्गफीट ही निकला था।

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