मप्र में अनुमति से 30% अधिक का भवन निर्माण 31 अगस्त तक करा सकेंगे वैध

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

अनुमति से अधिक निर्माण करने के मामले बार-बार सामने आते हैं।
भवन के व्यावसायिक उपयोग के मामले में यह शुल्क 18 प्रतिशत लगेगा।
भोपाल में साढ़े चार लाख से अधिक संपत्तियां हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अब अनुमति से 30 प्रतिशत तक अधिक किया गया आवासीय और व्यावसायिक निर्माण 31 अगस्त, 2024 तक वैध कराया जा सकेगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पूर्व में संशोधित नियम को लेकर सभी नगर निगम आयुक्त और निकाय के सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश के नगर निगम और निकायों की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए कंपाउंडिंग के नियमों में संशोधन किया गया है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पूर्व की व्यवस्था को यथावत रखा गया है। अनुमति से अधिक निर्माण करने के मामले बार-बार सामने आते हैं। इन्हें वैध करने के लिए सरकार ने पूर्व में भी 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को वैध करने का प्रविधान किया था।

यह अवधि समाप्त हो गई थी और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से यह मांग आ रही थी कि एक बार और अवसर दिया जाए ताकि जो लोग रह गए हैं वे भी अपने निर्माण को वैध करवा सकें। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को एक निश्चित समय सीमा के लिए अवसर देने के निर्देश दिए थे। विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका (अनुज्ञा के बिना भवनों के संनिर्माण के अपराधों का प्रशमन, शुल्क एवं शर्त) नियम 2016 में संशोधन किया है। जिसके तहत 31 अगस्त, 2024 तक के लिए भवन के 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक अनधिकृत निर्माण को उस क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य की दर का 12 प्रतिशत के बराबर शुल्क लेकर वैध किया जा सकेगा। भवन के व्यावसायिक उपयोग के मामले में यह शुल्क 18 प्रतिशत लगेगा। इसका लाभ एक जनवरी, 2021 के पूर्व जारी भवन अनुज्ञा के अंतर्गत निर्मित भवनों पर ही मिलेगा।

80 प्रतिशत ने भवन अनुज्ञा के नियमों का नहीं किया पालन
भोपाल में साढ़े चार लाख से अधिक संपत्तियां हैं। इनमें से 80 प्रतिशत में भवनों के निर्माण में भवन अनुज्ञा के नियमों का पालन नहीं किया गया है। यहां भवन अनुज्ञा से इतर अवैध निर्माण किया गया है। इन संपत्तियों को नगर निगम ने चिह्नित कर लिया है। अब इनके सीमांकन का काम बुधवार से शुरू होगा। बता दें, डेढ़ साल पहले निगम ने कंपाउंडिंग मुहिम शुरू की थी, जो कुछ दिन पहले ही बंद हो गई। अब एक बार फिर निगम द्वारा कंपाउंडिंग मुहिम शुरू की जा रही है। बता दें, कंपाउंडिंग से भोपाल नगर निगम को 100 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।

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