एसपी की कार्रवाई से सीएम मोहन यादव नाराज, बगैर सूचना के पहुंचे पुलिस मुख्यालय, कहा- सख्ती से करें कार्रवाई

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश
अचानक पुलिस मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों के साथ की बैठक
वरिष्ठ अधिकारियो के साथ प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा की
मुख्यमंत्री बनने के बाद वह दूसरी बार पुलिस मुख्यालय पहुंच

भोपाल। अशोकनगर में युवती से दुष्कर्म और फिर रिश्ता तय होने पर तलवार लहराते हुए अपहरण करने के प्रयास की घटना को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने गंभीरता से लेकर पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई है। वे बिना पूर्व सूचना के पुलिस मुख्यालय पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की। इसमें पुलिस महा निदेशक सुधीर कुमार सक्सेना को पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्ती करें। अपराधी को गिरफ्तार करना ही काफी नहीं, यदि वह आपराधि क पृष्ठभूमि का है तो विस्तृत पड़ताल कर कड़े कदम उठाएं। पुलिस कार्रवाई का पक्ष भी जनता के बीच जाना चाहिए।

उन्होंने इछावर के थाना प्रभारी को भी प्रक्रिया का पालन करते हुए निलंबित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पुलिस का खौफ होना चाहिए। यदि अवैधानिक कार्य में किसी भी व्यक्ति को उसका परिवार भी साथ दे रहा है तो ऐसे मामलों में तत्काल अंकुश की कार्रवाई होनी चाहिए। दोषी लोगों को छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। पुलिस की कार्रवाई में विलंब बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी भी ऐसी घटनाओं पर नजर रखें। वरिष्ठ अधिकारी मनीष शंकर शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुलिस आधुनिकीकरण का यह सूत्र है। दिल्ली में इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे मध्य प्रदेश में अपनाने और तथ्यात्मक जानकारी जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को दायित्व देने के निर्देश दिए। उधर, अधिकारियों ने बैठक में बताया कि छह माह में विभिन्न तरह के अपराधों में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है।

कार्यक्षेत्र में रात्रि विश्राम करें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने संभागों के प्रभारी अधिकारी (एडीजीपी) से कहा कि वे दौरे करें। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधि कारी अपने कार्यक्षेत्र में रात्रि विश्राम के साथ ही निरीक्षण भी करें। कानून व्यवस्था की दृष्टि से आदर्श स्थिति कायम रहे, इस की चिंता करते हुए अधीनस्थ अधिकारियों और पुलिस बल से संवाद करते रहें। यदि कहीं कोई गलत तथ्य हो तो प्रतिवाद भी करें।

इंटरनेट मीडिया पर अपराध नियंत्रण की जानकारी दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समय इंटरनेट मीडिया का है। आमजन को अपराध नियंत्रण की जानकारी भी मिलनी चाहिए। आपराधिक घटनाओं के वीडियो बहुप्रसारित होते हैं और पुलिस बल द्वारा अपराध पर नियंत्रण भी कर लिया जाता है पर पुलिस की कार्रवाई प्रचारित नहीं होती है। इससे आपराधिक तत्वों के हौसले बढ़ते हैं। पुलिस मुख्यालय, जोन और जिला स्तर से प्रतिदिन पुलिस कार्रवाई की जानकारी जन-जन तक पहुंचना चाहिए।

कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस के निशाने पर सरकार
उधर, कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार कांग्रेस के निशाने पर है। पार्टी इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के विरुद्ध हुई घटनाओं की जांच के लिए पांच विधायकों समेत वरिष्ठ पदाधिकारियों की नौ सदस्यीय समिति बनाई है, जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।

यह भी दिए निर्देश
पुलिस अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र की घटनाओं के संबंध में सजग और अघतन स्थिति से अवगत रहकर तत्काल कदम उठाए।- शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने पर विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्कूल-कालेज परिसर में सद्भाव का वातावरण बना रहे, इसके लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।- आने वाले माह में त्योहारों को देखते हुए व्यवस्थाएं की जाएं।- संभाग स्तर पर कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों को सौंपे गए दायित्व और भूमिका की समीक्षा की जाए।

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