मोहन सरकार की प्रदेश को धार्मिक पहचान देने की तैयारी, भोपाल में श्रीराम और श्रीकृष्ण के नाम पर बनेंगे प्रवेश द्वार

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में भी राजा भोज और राजा विक्रमादित्य के नाम पर आकर्षक प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे।
भगवान श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रदेश के स्थलों के विकास कार्य की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही।
बाहर से आने वाले लोगों को प्रदेश की संस्कृति और धार्मिक महत्व के स्थलों की जानकारी के लिए होंगे प्रयास।

भोपाल। मोहन सरकार प्रदेश को धार्मिक पहचान देने की तैयारी कर रही है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजधानी भोपाल में श्रीराम और श्रीकृष्ण के नाम पर प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में भी राजा भोज और राजा विक्रमादित्य के नाम पर आकर्षक प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। इसी तरह भगवान श्री राम एवं भगवान श्री कृष्ण से जुड़े प्रदेश के स्थलों के विकास कार्य की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

शुक्रवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के अंतर्गत धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास, श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास एवं भगवान श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों के विकास की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आज बैठक में हमने विस्तार से जो स्थान चिह्नित किए उनके विकास के लिए न केवल धनराशि स्वीकृत की है बल्कि उनको विकसित करने के लिए यथायोग्य तुरंत निर्देश हमने जारी किए हैं। साथ ही साथ भगवान श्रीराम के जहां 11 वर्ष चित्रकूट धाम में गुजरे हैं उसके प्राधिकरण के सक्रियता के आधार पर कलेक्टर को चार्ज लेने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर भोपाल के प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। राजाभोज और राजा विक्रमादित्य के नाम पर भी प्रवेश द्वार बनाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। राज्य की सीमा पर भी प्रवेश द्वार बनाए जाने की तैयारी की जाए। बाहर से आने वाले लोगों को प्रदेश की संस्कृति और धार्मिक महत्व के स्थलों की जानकारी हो सके, इसके लिए बेहतर प्रयास किए जाना जरूरी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। पर्यटन तथा धार्मिक स्थलों को आकर्षक एवं भव्य बनाया जाए।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थल बढ़ाने के भी प्रयास हों। प्रदेश में गीता जयंती पर गीता महोत्सव मनाने की कार्ययोजना बनाएं। इसी तरह मानस जयंती भी मनाई जाए। प्रदेश में भारतीय संस्कृति एवं दर्शन को व्यापकता से आमजन तक पहुंचाया जाए। बैठक में संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डा. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों की ब्राडिंग की जाए
मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों का चिह्नांकन करने और उनके विकास के लिए विद्वानों का संकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित धार्मिक स्थलों के विकास के लिए सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर कार्य करें।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उज्जैन, मैहर, इंदौर, चित्रकूट आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। उन्होंने अन्य पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों की भी बेहतर ढंग से ब्राडिंग और प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।

उज्जैन की तरह ओंकारेश्वर में ममलेश्वर मंदिर के विकास कार्य पूरे किए जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ममलेश्वर मंदिर के विकास कार्य पूरे किए जाएं। धार्मिक और पर्यटन स्थलों एवं प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यों के प्रोजेक्ट से अवगत कराने के लिए भारत सरकार के मंत्रियों को आमंत्रित किया जाए। इनकी प्रसिद्धि के लिए अच्छे ढंग से कार्य किए जाएं। बड़े शहरों में कन्वेंशन सेंटर बनाए जाएं।

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