गोवंश के अवैध परिवहन में लगे वाहन होंगे राजसात, कोर्ट से भी नहीं मिल पाएंगी गाड़ियां

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में बड़ा संशोधन
बिल के प्रारूप को कैबिनेट ने किया अनुमोदन
प्रदेश सरकार उठाने जा रही है एक बड़ा कदम

भोपाल। प्रदेश में गोवंश वध रोकने के लिए प्रदेश सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब गोवंश के अवैध परिवहन में लगे वाहनों को कलेक्टर राजसात कर सकेंगे। कलेक्टर की कार्रवाई से पूर्व आरोपी न्यायालय से वाहन की सुपुर्दगी भी नहीं ले सकेंगे। इसके लिए सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन के विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले अन्य विधेयकों के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरु संबोधित करने के निर्णय का भी अनुमोदन किया गया। इसके लिए विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गोवध की मंशा से गोवंश के परिवहन का अवैध कृत्य करने वाले वाहन कई बार न्यायालय से छूट जाते हैं।

7 साल की सजा का प्रावधान
नियमों के उल्लंघन पर पकड़े गए वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी। वाहन जब्त होंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। यह अधिकार कलेक्टर को होगा। साथ ही 7 वर्ष की सजा का प्रावधान भी रहेगा। इसके लिए अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज 1 जुलाई का दिन ऐतिहासिक है। अंग्रेजों के समय से चले आ रहे 3 कानूनों को बदलकर नई व्यवस्था का क्रियान्वयन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कैबिनेट की ओर से धन्यवाद दिया।

बोरवेल खुला छोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब भूस्वामी और खनन करने वाली एजेंसी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। बचाव कार्य में होने वाला पूरा व्यय भी इनसे ही वसूला जाएगा। इसके लिए विधेयक मानसून सत्र में ही प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि बोरवेल खनन के बाद खुला छोड़ना कई बार छोटे बच्चों की मृत्यु का कारण बन जाते हैं। ऐसे मामले प्राय: बच्चों को बचाना मुश्किल होता है। अब यह प्रावधान किया जा रहा है कि बोरवेल असफल होने पर उन्हें खुला छोड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा। पहले उसे बंद करने के लिए कहा जाएगा। यदि बंद नहीं किया तो दो बार अर्थदंड लगेगा और तीसरी बार में शासन उसे बंद कराएगा और उसका पूरा खर्च भूस्वामी या खनन करने वाली एजेंसी से वसूला जाएगा।

मंत्रालय भवन के नवीनीकरण पर 107 करोड़ रुपये व्यय होंगे
मंत्रालय के मुख्य भवन का नवीनीकरण सरकार 107 करोड़ रुपये की लागत से कराएगी। लोक निर्माण विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने अनुमति दे दी। इस राशि से अग्नि सुरक्षा संबंधी कार्य कराने के साथ बिजली के तार बदले जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दो-तीन वर्षों में चार बार आग लगने की घटना हो चुकी है। फिल्म आर्टिकल 370 के प्रदर्शन पर वाणिज्यिक कर से दी गई छूट की प्रतिपूर्ति के निर्णय का अनुमोदन भी किया गया।

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