मध्यप्रदेश में करीब 97 हजार से ज्यादा हैं आंगनबाड़ी केंद्र।
मध्यान्ह भोजन में अंचल की प्रसिद्ध पकवान जरूर परोसेंगे।
मिलेट्स में काफी पोषक तत्व होने से सेहत को होगा फायदा।
भोपाल। प्रदेश के 97 हजार 135 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सप्ताह में एक या दो दिन मोटे अनाज से बनी चीजें देने की तैयारी है। साथ ही हर अंचल में वहां की प्रसिद्ध और बच्चों के लिए रुचिकर चीजें दी जाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए उस अंचल में प्रसिद्ध खाने की चीजों के आधार पर पूरे एक सप्ताह के भोजन का खाका तैयार किया जाएगा।
मोटे अनाज का काफी पोषक तत्व
दरअसल, केंद्र और प्रदेश सरकार मोटे अनाज के उत्पादन और उपभाेग को बढ़ावा दे रही है। इसका, बड़ा कारण इनमें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पोषक तत्व हैं। कुपोषण और बीमारियों के कारण शून्य से छह वर्ष के उम्र के बच्चों में से 40 प्रतिशत ठिगनापन और 27 प्रतिशत कम वजन के हैं। इनमें कुछ बच्चे ठिगनापन और कम वजन दोनों के शिकार हैं। इस कारण पोषण आहार में बदलाव की तैयारी है।
आंगनबाड़ी सहायिका बनाएगी भोजन
दूसरा परिवर्तन यह किया जा रहा है कि आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम स्व-सहायता समूह की जगह आंगनबाड़ी सहायिका को देने पर विचार चल रहा है। पहले भी सहायिका के पास यह जिम्मेदारी थी। कुछ वर्षों से यह काम स्व-सहायता समूहों को दे दिया गया था। सहायिका आंगनबाड़ी की ही कर्मचारी हैं, इसलिए विभाग के अधिकारियों का मानना है कि वह भोजन बनाने की जिम्मेदारी और अच्छे से संभाल सकती है। हालांकि, स्व-सहायता समूह इसका विरोध कर रहे हैं।