दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को सुको से मिली अंतरिम जमानत, लेकिन अभी जेल में ही रहेंगे

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को वृहद पीठ के पास भेज दिया। न्यायालय ने ईडी की गिरफ्तारी की शक्ति और नीति से संबंधित तीन प्रश्न तय किए और कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के अनुसार अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। ईडी ने धनशोधन मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। ये मामले दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े हैं जो बाद में रद्द कर दी गई थी।

भाजपा की ‘साजिश’ का ‘पर्दाफाश’ हुआ, केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर बोली आप
आम आदमी पार्टी (आप) ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया। पार्टी ने कहा कि फैसले ने केजरीवाल के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की “साजिश” का “पर्दाफाश” कर दिया है। हालांकि, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल जमानत मिलने के बावजूद अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बाद में उन्हें कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कर लिया था। ‘आप’ नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज और संदीप पाठक ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शीर्ष अदालत के फैसले को “सच की जीत” करार दिया। इससे पहले, ‘आप’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर तिरंगा थामे केजरीवाल की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “सत्यमेव जयते।”

भाजपा ने कहा- न्यायालय से केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत ‘आप’ की जीत नहीं- भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत आम आदमी पार्टी (आप) की जीत नहीं है क्योंकि आदलत ने आबकारी नीति मामले में उनके दोषी होने को लेकर अपनी ‘मंजूरी की मुहर’ लगा दी है। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक ने जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया था बल्कि सुनवाई इस मुद्दे पर हो रही थी कि उनकी गिरफ्तारी गैर कानूनी है।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने उनके अनुरोध पर कोई राहत नहीं दी है बल्कि उसने पाया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास पीएमएलए की धारा-19 के तहत पर्याप्त सबूत है कि आरोपी प्रथमदृष्टया दोषी है। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा मंजूरी की लगाई गई मुहर है। ’’ आप के नेताओं ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और इसे सच्चाई की जीत करार दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ‘फर्जी’ आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जेल में रखने की साजिश रच रही है। ईडी द्वारा आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच की जा रही है और इस मामले में शुक्रवार को शीर्ष अदालत की ओर से केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने अकांउट से पोस्ट किया, ‘‘सत्यमेव जयते’’।

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