मप्र सरकार की केंद्र से मांग : आयुष्मान योजना और पेंशनरों के लिए बजट के नियमों में संसोधन हो

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

पेंशनरों को लाभ देने के लिए राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय भार
प्रदेश में चार करोड़ से अधिक लोगों के पास आयुष्मान कार्ड
पेंशन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने निर्धारित की है सीमा

भोपाल| प्रदेश में आयुष्मान और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ प्रतिवर्ष लाखों लोगों को मिल रहा है। पेंशन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2013-14 से पेंशनरों की सीमा निर्धारित कर दी। इससे बाद में जोड़े गए पेंशनरों को लाभ देने पर प्रदेश के ऊपर प्रतिवर्ष 856 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आ रहा है। इसी तरह आयुष्मान भारत योजना में प्रीमियम पर वास्तविक व्यय 1,950 रुपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष आ रहा है। जबकि, केंद्र ने इसके लिए 1,052 रुपये तय किए हैं। इसके कारण राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा है। प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि आम बजट में इस व्यवस्था में संशोधन किया जाए।

चार करोड़ से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड
प्रदेश में एक करोड़ आठ लाख परिवारों के चार करोड़ से अधिक सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। 2022 से नया हेल्थ बेनिफिट पैकेज लागू किया है। एक हजार से अधिक अस्पताल योजना से संबद्ध किए जा चुके हैं। बजट में एक हजार 381 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के प्रविधान की मांग
वहीं, केंद्र सरकार से मांग है कि प्रति वर्ष प्रति परिवार प्रीमियम 1,052 रुपये का वास्वतिक व्यय 1,950 किया जाए। यह नहीं होने पर राज्य के ऊपर प्रीमियम का व्यय भार 70 प्रतिशत आ रहा है। इस प्रविधान में संशोधन किया जाए। वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के प्रविधान की मांग भी केंद्रीय वित्त मंत्री से की गई है।

राज्य पर 858 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार
इसमें बताया गया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निश्शक्त पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में वर्ष 2013 से पेंशनरों की संख्या पर राज्य की सीमा निर्धारित की गई है। इसके कारण बाद के पेंशनरों को लाभ देने के लिए राज्य पर 858 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा है। इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 से राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना एवं राष्ट्रीय निश्शक्त पेंशन योजना में प्रतिमाह 300 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में महंगाई की वृद्धि के अनुपात में इस पेंशन राशि को बढ़ाया जाना चाहिए।

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