नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 की दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया और कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा प्रश्नपत्र के “व्यवस्थित लीक” का संकेत नहीं देता है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जो न्यायमूर्ति जेबी पारदी वाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ का नेतृत्व कर रहे थे, ने कहा, “मौजूदा चरण में, रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दिखाए कि परीक्षा के परिणाम खराब हुए थे या परीक्षा के संचालन में कोई व्यवस्थित उल्लंघन हुआ था.”
सीजेआई ने पेपर रद्द करने से किया इनकार
सीजेआई ने कहा, “रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देता है जो परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान का संकेत देता है. रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर नीट को रद्द करना न तो उचित है और न ही आवश्यक है.” शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे एहसास है कि वर्तमान वर्ष के लिए नए सिरे से नीट-यूजी का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो इस परीक्षा में बैठने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए होगा.
कब हुई थी परीक्षा?
नेशनल एलिजिबिलिटी कम-एंट्रेंस टेस्ट- अंडरग्रेजुएट (नीट-यूजी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. इस वर्ष नीट-यूजी 5 मई को आयोजित की गई थी, जिसमें 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर परीक्षा दी थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे.