मप्र में मानसून का सिस्‍टम सक्रिय, भारी बारिश का अलर्ट

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में कई शहर बारिश से तरबतर हैं। इस बार मानसून अच्‍छा मेहरबान हुआ है। पश्चिम बंगाल के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश का सिलसिला बन गया है। ऐसे में शुक्रवार को जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने के आसार हैं। विशेषकर जबलपुर संभाग में कहीं-कहीं अति भारी बारिश भी हो सकती है। शेष क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना है। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर एक अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक 500.3 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य बारिश (460.5 मिमी.) की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।

यह है मौसम का मौजूदा सिस्‍टम
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र एवं उससे लगे बांग्लादेश पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। मानसून द्रोणिका गंगानगर, रोहतक, हरदोई, बनारस, देहरी, कैनिंग से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। सौराष्ट्र और उससे लगे अरब सागर पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है। इसके साथ ही दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।

कहां कितनी बारिश दर्ज
गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रायसेन में 62, सीधी में 47, भोपाल में 40, सतना में 38, पचमढ़ी में 35, टीकमगढ़ में 25, खंडवा में 10, शिवपुरी एवं नर्मदापुरम में नौ, खरगोन में सात, खजुराहो एवं छिंदवाड़ा में छह, रतलाम में पांच, जबलपुर में चार, मलाजखंड, रीवा एवं सिवनी में तीन, ग्वालियर में दो, गुना एवं दमोह में एक, मंडला में 0.6, धार में 0.4, सागर में 0.2 और इंदौर में 0.1 मिलीमीटर बारिश हुई।

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