दिल्ली : नाले में गिरकर मां-बेटे की मौत मामले में ‘आप’ ने किया प्रदर्शन, एलजी के इस्तीफे की मांग की

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नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली में नाले में गिरकर एक महिला और उसके बच्चे की मौत के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को राज निवास के निकट प्रदर्शन किया और उपराज्यपाल वी के सक्सेना के इस्तीफे की मांग की। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके की खोड़ा कॉलोनी में बुधवार शाम को 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसके तीन वर्षीय पुत्र प्रियांश की नाले में गिरकर मौत हो गई थी। आप ने दावा किया है कि नाला दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकार क्षेत्र में आता है जिसके अध्यक्ष उपराज्यपाल हैं। वहीं, राज निवास ने कहा है कि नाले का वह हिस्सा जिसमें महिला और बच्चों की गिरने से मौत हो गई, आप के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अंतर्गत आता है। आप विधायक कुलदीप कुमार ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि महिला और उसका बेटा जिस नाले में डूब गए, वह डीडीए के अंतर्गत आता है। कुमार ने कहा, ‘‘यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए।’’ प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और उपराज्यपाल के इस्तीफे की मांग की। वे राज निवास की ओर बढ़े लेकिन पुलिस ने उन्हें अवरोधक पर रोक दिया।

उपराज्यपाल कार्यालय ने शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य संजय सिंह समेत आप नेताओं पर ‘‘जानबूझकर, भ्रामक और घोर अनुचित’’ बयान जारी करने का आरोप लगाया कि महिला और उसका बेटा डीडीए के अधिकार क्षेत्र वाले नाले में डूब गए।उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, ‘‘यह निस्संदेह आप और उसके नेतृत्व की शोर मचाओ और भागो वाली प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है, लेकिन तथ्य यह है कि खोड़ा कॉलोनी में जिस नाले में डूबने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, वह आप के नियंत्रण वाले एमसीडी का नाला है।’’ उपराज्यपाल कार्यालय ने दावा किया कि नाले के 1000 मीटर हिस्से की न तो सफाई की गई और न ही उसे ढका गया। उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि नाले की कुल लंबाई 1,350 मीटर है, जिसमें से 1,000 मीटर एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिसे डीडीए ने 17 अप्रैल 2023 को उसे सौंप दिया था। हालांकि, आप ने शुक्रवार को दावा किया कि नाला, जो एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आता है और डीडीए द्वारा अधिकार क्षेत्र स्थानांतरित किया गया है, दुर्घटना स्थल से 25-30 मीटर दूर समाप्त होता है। बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल को जनता को ‘‘गुमराह’’ करना बंद करना चाहिए और जवाबदेही स्वीकार करनी चाहिए तथा शोक संतप्त परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।

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