नाग पंचमी पर भक्तों ने भगवान नागवासुकि को चढ़ाया दूध व लावा, शिव मंदिरों में दिन भर रही भीड़

धर्म-आस्था

प्रयागराज। संगमनगरी में नागपंचमी का पर्व शुक्रवार हिंदू धर्म के अनुसार बड़े धूम धाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में दूध व लावा का भोग लगाकर नाग देवता का आह्वान कर परिवार की मंगल कामना के लिए प्रार्थना की। इसके अलावा भक्तों ने भगवान शिव के मंदिरों में पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। नाग पंचमी पर श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ नागवासुकि मंदिर में देखने को मिली। दारागंज में गंगा के तट पर स्थित नागवासुकि भगवान को दूध व लावा का भोग लगाने और अभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार रही। गंगा के बढ़ते जल स्तर का भी आस्था पर कोई असर नही पड़ा।

नागवासुकि मंदिर में सुबह से ही भीड़ देखने को मिली। मंदिर में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किये गये थे। पौराणिक मान्य ता की बात करें तो भगवान नागवासुकि को रस्सी बनाकर देवताओं और दानवों ने समुद्र का मंथन किया था। उस समुद्र मंथन के बाद भगवान नागवासुकि जख्मी हो गये थे। जिसके बाद भगवान विष्णु के कहने पर वह संगमनगरी प्रयागराज के इसी स्थान पर विश्राम किया था। जिसके बाद से नागपंचमी के दिन उनपर दूध और लावा चढ़ाया जाता है। नाग पंचमी पर मंदिर के बाहर भी तमाम सपेरे अपने सांपों को लेकर करतब दिखाते हैं। मंदिर में लोगों ने नाग देवता का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। यह भी कहा जाता है कि इस नागवासुकि मंदिर में काल सर्प दोष की पूजा करने से काल सर्प युग से मुक्ति मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *