‘मैं चाहती हूं टैक्स को जीरो कर दूं,’ भोपाल में बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल| केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़ा बयान दिया. उन्होंन कहा है कि मैं चाहती हूं कि टैक्स को जीरो कर दूं, लेकिन देश के सामने अभी कई चुनौतियां हैं. मुझे टैक्स को लेकर पूछे गए सवाल बिल्कुल पसंद नहीं. उन्होंने यह बात 13 अगस्त को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में कही. उन्होंने कहा कि देश को चुनौतियों से निपटने के लिए टैक्स की जरूरत है. हमें अंतरारष्ट्रीय स्तर पर कई काम करने हैं. इसके लिए हम फंड के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं हो सकते. हमें इन कामों के लिए फंड की जरूरत है.

गौरतलब है कि इस दीक्षांत समारोह में 79 बैचलर ऑफ साइंस, 214 ट्विन डिग्री, 15 एमएस, 13 एमएससी, 121 पीएचडी डिग्री दी गईं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने इन सभी स्टूडेंट्स को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज संस्थान के लिए बड़े गर्व का दिन है. आईआईएसईआर नए-नए विचारों पर काम कर रहा है. यहां पूरे देश के स्टूडेंट्स हैं. आदि शंकराचार्य के समय से केरल के छात्रों ने देश में भ्रमण कर ज्ञान का प्रचार प्रसार किया. हमारी परंपरा रही है कि विद्वान पूरे देश में ज्ञान का प्रचार करते हैं. आईआईएसईआर में पढ़ाई-लिखाई बेहतर है.

समाज के लिए विज्ञान को बनाएं उपयोगी
उन्होंने कहा कि आम जनता को फायदा पहुंचाने के लिए विज्ञान को समाज के लिए उपयोगी बनाएं. आईसर भोपाल एडवांस केमेस्ट्री के क्षेत्र में भी अच्छा काम करे. आज देश रिन्यूबल एनर्जि के क्षेत्र में काम कर रहा है. इनोवेशन के जरिये हम रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में बेहतर काम कर सकते हैं. में आपसे अपील करती हूं कि आप देश के लिए ऐसी बैटरी बनाएं जो रिन्यूबल एनर्जी को स्टोर कर सकें. साल 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करें.

सबसे बड़ा धन विद्याधन है- सीएम मोहन यादव
इस मौके पर सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि निर्मला सीतारमण सशक्त वित्त मंत्री हैं. हम हम आर्थिक क्षेत्र में निरंतर तरक्की कर रहे हैं. आज 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर मन आनन्द और उत्साह से भर गया है. 11 अंक को ज्ञान, संवेदनशीलता, धर्म के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. आज 442 विद्यार्थियों को डिग्री मिल रही है. यह प्रतिभा का सम्मान है. धन में धन होता है विद्याधन, यह सबसे बड़ा धन है. हजारों साल में आक्रांताओं ने जब भी भारत पर आक्रमण किया तो सबसे पहले हमारे शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया. हम किसी को दबाना, लूटना नहीं चाहते, हम सर्वेभवन्तु सुखिनः के मंत्र पर चलते हैं.

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