कोलकाता पहुंची सीबीआई की टीम, मामले की जांच शुरू

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पताल में बुधवार की सुबह पहुंची केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकरी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई की टीम में स्वास्थ्य और फोरेंसिक विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि टीम आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमीनार हॉल का दौरा करेगी। इसी हॉल से नौ अगस्त को प्रशिक्षु चिकित्सक का शव बरामद हुआ था। केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए सीबीआई अधिकारियों के तीन समूह बनाए गए हैं। उन्होंने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘एक समूह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा करेगा और गवाहों तथा उस रात ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों से बातचीत करेगा। एक अन्य समूह गिरफ्तार स्वयंसेवक को मेडिकल परीक्षण के बाद स्थानीय अदालत ले जाएगा और उसकी हिरासत की याचिका दायर करेगा, जबकि तीसरा समूह जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।’’

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जांच के लिए मामला कोलकाता पुलिस से केंद्रीय एजेंसी को स्थानांतरित करने के आदेश दिए। सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि एजेंसी ने चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के संबंध में नई दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। केंद्रीय एजेंसी के एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘‘आज हमारे अधिकारी पीड़ित महिला चिकित्सक और उस दिन ड्यूटी पर मौजूद लोगों के फोन विवरण मांगेंगे। वह स्थानीय अदालत में प्राथमिकी दाखिल कर सकते हैं।’’ कोलकाता पुलिस ने मामले के सिलसिले में गिरफ्तार संजय रॉय को राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद यहां सीजीओ ‘कॉम्प्लेक्स’ में सीबीआई के हवाले कर दिया। सीबीआई के दो अधिकारी मंगलवार की शाम टाला पुलिस थाने पहुंचे और कोलकाता पुलिस की जांच से संबंधित दस्तावेज हासिल किए। अदालत ने शहर पुलिस को शाम तक मामले का संपूर्ण विवरण जांच एजेंसी को सौंपने और बुधवार की सुबह 10 बजे तक अन्य सभी दस्तावेज भी सौंपने के निर्देश दिए।

बंगाल में चिकित्सकों की हड़ताल जारी, ओपीडी प्रभावित
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के विरोध में चिकित्सक बुधवार को भी हड़ताल पर हैं और इस दौरान लगभग सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। सभी सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) के पर्ची काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। यहां वरिष्ठ चिकित्सकों ने कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ मिलकर अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारी कोई नई मांग नहीं है। हमने देखा है कि लोगों के एक समूह को बचाने का प्रयास किया गया है। कुछ लोगों ने आरजी कर अस्पताल के घटनास्थल वाले तल पर निर्माण कार्य शुरू करके सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की है। हमें अपना विरोध रोकने का कोई कारण नहीं दिखता।’’ पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों के संयुक्त मंच (द वेस्ट बेंगाल जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स) ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में काम बंद करने का आह्वान किया था। कनिष्ठ और वरिष्ठ चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं तथा अन्य कर्मियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर और नारे लगाकर महिला चिकित्सक को न्याय दिलाने की मांग की। एक चिकित्सक ने कहा, ‘‘आपातकालीन सेवाएं संचालित हैं। लेकिन हम विरोध नहीं करेंगे तो पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा। कुछ मरीजों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।’’ महिला चिकित्सक की हत्या की मजिस्ट्रेट जांच की मांग कर रहे आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया।

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