मोदी सरकार का बड़ा फैसला, केंद्रीय अस्पतालों में 25% सुरक्षा बढ़ाने का आदेश

देश नई दिल्ली राष्ट्रीय

नई दिल्ली। कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के अलावा, सरकारी अस्पतालों द्वारा सुरक्षा समीक्षा किए जाने के बाद उनकी मांग के आधार पर मार्शलों की तैनाती को भी मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आर.जी. कर अस्पताल मामले के आधार पर केंद्रीय कानून लाने से ‘‘कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा’’ क्योंकि कोलकाता के इस अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला मरीज-डॉक्टर हिंसा का मामला नहीं था। उन्होंने कहा कि अपराध और बलात्कार के मामले पहले से ही मौजूदा कानूनों के अंतर्गत आते हैं। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक और केरल सहित 26 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित किए हैं।

इन सभी राज्यों में ये अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के साथ बैठकें की गई हैं और उन्हें भी इन पहलुओं के बारे में समझाया गया है। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के विभिन्न पहलुओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे और स्थितियां व कैंटीन सेवाओं पर गौर करेगी। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘अस्पताल सार्वजनिक सुविधाएं हैं, इसलिए उन्हें किले में नहीं बदला जा सकता। हमने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया है, क्योंकि मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।’’ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई जाएगी, वह डॉक्टरों और हेल्थकेयर वर्कर्स की समस्याओं पर सुझाव लेंगी। डॉक्टरों की बेसिक समस्याएं जैसे रेस्ट रुम, CCTV सुविधाएं इन सबको दुरुस्त किया जाएगा। जरूरत के आधार पर मार्शल भी बढ़ाए जाएंगे। अस्पताल में हिंसा मामले को लेकर 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। इस कमेटी में राज्य सरकार समेत सभी अहम स्टेकहोल्डर्स के प्रतिनिधि होंगे।

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