मप्र में भी मंडराया मंकी पॉक्स का खतरा, सभी जिलों में अलर्ट

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल| मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना जैसी महामारी का खतरा मंडराने लगा है। इस बार कोरोना से अलग मंकी पॉक्स वायरल के लिए अलर्ट जारी हुआ है। मंक्री पॉक्स से बचाव के लिए केंद्र सरकार ने भी गाइडलाइन जारी की है। एमपी के सभी जिलों में सतर्क रहने को कहा गया है। मध्यप्रदेश में मंकी पॉक्स वायरस के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश की सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। भारत के पड़ोसी देशों में यह तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसके वायरस के फैलने का खतरा हो गया है। इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने अपने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।

मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंकी पॉक्स से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करने को कहा है। राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि मंकी पॉक्स से बचाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाए और जरूरी प्रबंध किए जाएं। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। गौरतलब है कि इस बीमारी का पहला मामला भारत में 14 जुलाई 2022 को केरल में मिला था। उसके बाद 30 लेबोरेटरी कन्फर्म प्रकरण केरल एवं दिल्ली में पाए गए। 27 मार्च 2024 के बाद कोई नया प्रकरण नहीं पाया गया है।
क्या है मंकीपॉक्स, कैसे फैलता है
मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) के सबसे अधिक मामले अफ्रीका में मिले हैं। यह एक महामारी फैलाने वाला वायरस है। यह चेचक जैसा वायरस है और जानवरों से इंसानों में आ जाता है। इंसान में पहुंचने के लिए बाद यह तेजी से फैलता है। 1958 में इस वायरस की सबसे पहले पहचान हुई थी। मध्य और पश्चिमी एशिया में इसके सबसे ज्यादा मामले मिलते हैं। क्योंकि यह लोग जानवरों के सबसे ज्यादा करीब रहते हैं।
क्या है लक्षण
शुरुआत में बुखार आता है। पूरे शरीर पर चकते पड़ने लगते हैं। यह चेहरे और गुप्तांगों पर भी हो जाते हैं। यह सफेद और पीली फुंसी का भी रूप ले लेते हैं। इसमें मवाद भर जाता है। खुजली और दर्द होता है। बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द होता है। हालांकि इस वायरस से मौत नहीं होती है। यह खुद ही ठीक हो जाता है। यह 14 से 21 दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *