मध्यप्रदेश से निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने जॉर्ज कुरियन

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल| मोदी सरकार में राज्यमंत्री के तौर पर सेवाएं दे रहे जॉर्ज कुरियन मध्यप्रदेश से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए हैं। यह पहला अवसर है जब कोई ईसाई सांसद एमपी कोटे से राज्यसभा में पहुंच रहा है। मंगलवार को विधानसभा में उन्होंने रिट र्निंग आफिसर से प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लिया। इधर, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि अब एमपी का संबंध केरल से और मजबूत हो गया है। मध्यप्रदेश से पहली बार कोई ईसाई सांसद राज्यसभा में पहुंचने वाला है। मंगलवार को विधानसभा में जॉर्ज कुरियन ने प्रमाण-पत्र प्राप्त किया। पिछले दिनों भाजपा उम्मीदवार जार्ज कुरियन के अलावा दो और नामांकन भरे गए थे, इनमें से एक फार्म निरस्त हो गया। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद कोई प्रतिद्वंदी नहीं होने के कारण जॉर्ज कुरियन निर्विरोध राज्यसभा सांसद बन गए। गौरतलब है कि राज्यसभा की इस सीट के लिए तीन सितंबर को मतदान होने वाला था, लेकिन अब चुनावी मैदान में केवल एक मात्र जॉर्ज कुरियन ही बचे थे।

केरल और एमपी का मदद का रिश्ता
कुरियन के राज्यसभा निर्वाचित होने पर एमपी के सीएम मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें बधाई दी है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद थे। सीएम ने कहा कि जार्ज कुरियन राज्यसभा में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं जार्ज कुरियन ने भी पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि केरल और मध्यप्रदेश का मदद का रिश्ता है। केरल की बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 20 करोड़ की मदद के लिए एमपी सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। और, कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे।
सिंधिया की जगह जॉर्ज
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा में चले जाने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर भाजपा ने केरल के ईसाई नेता जॉर्ज कुरियन को प्रत्याशी बनाया था। एमपी से ईसाई नेता के पहली बार सांसद बनने का रिकार्ड जार्ज कुरियन के नाम जुड़ गया है।
जॉर्ज कुरियन के बारे में
जॉर्ज कुरियन का जन्म केरल राज्य के एट्टुमानूर के नंबियाकुलम में हुआ था। उन्होंने कोट्टायम से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की। लॉ ग्रेजुएशन करने वाले जॉर्ज सुप्रीम कोर्ट के वकील भी रह चुके हैं। 1980 में बीजेपी की भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीति में आने वाले जॉर्ज कुरियन चार दशकों से केरल की बीजेपी यूनिट में रहे हैं। कुरियन ने संघ परिवार के साथ ही केरल की ईसाई बेल्ट में वैचारिक रूप से उस समय काम करना शुरू कर दिया था, जब समुदाय बीजेपी के रडार पर नहीं था। कुरियन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले पहले मलयाली हैं। वे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री के रूप में भी सेवा दे रहे हैं।

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