पूजा खेडकर को कोर्ट से राहत, गिरफ्तारी से संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ाया

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पूर्व आईएएस परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ा दिया। उन पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी तथा दिव्यांगता कोटे का लाभ प्राप्त करने का आरोप है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पांच सितंबर तक के लिए टाल दी और पुलिस को इस बीच ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस दोनों ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत की खेडकर की याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है। अधिकारियों के रुख पर दायर जवाब में खेडकर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2022 को सफलतापूर्वक पास करने की प्रक्रिया में न तो गलत बयान दिया है और न ही धोखाधड़ी की है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएससी को उनकी उम्मीदवारी को खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है।

जवाब में कहा गया, ‘‘(उनका) चयन बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) की श्रेणी में योग्यता के आधार पर हुआ था और उन्होंने इस श्रेणी के तहत पांचवीं बार प्रयास किया है, जबकि उक्त श्रेणी में उपलब्ध प्रयास नौ हैं। इससे पहले 2012 से 2017 तक किए गए प्रयास इस श्रेणी के अंतर्गत नहीं थे और इन्हें आवेदक को दिव्यांग उम्मीदवार के रूप में अयोग्य ठहराने के लिए नहीं शामिल नहीं किया जा सकता है।’’ खेडकर ने आगे कहा कि यूपीएससी का यह दावा गलत है कि उन्होंने अपना नाम गलत बताया है, जबकि आयोग ने स्वयं व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से उनकी पहचान सत्यापित की थी और सभी दस्तावेजों का भी सत्यापन किया गया था।

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