ममता ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र, कहा- कोई जवाब नहीं मिला, उम्मीद है कि बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर ध्यान दिया जाएगा

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कोलकाता| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कड़े केंद्रीय कानून और कठोर सजा का प्रावधान किए जाने का अनुरोध दोहराया। बनर्जी ने नौ अगस्त को कोलकाता स्थित आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना पर देशव्यापी आक्रोश के बाद इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले भी मोदी को पत्र लिखा था। ममता ने बलात्कार और हत्या के मामलों के समयबद्ध निपटारे के लिए अनिवार्य प्रावधान की मांग की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार की नीति ‘बलात्कार संबंधी घटनाओं को कतई बर्दाश्त न करने’ की है और इन मामलों से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए अगले सप्ताह राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित किया जाएगा, ताकि दुष्कर्म के अपराधियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित किया जा सके।

बनर्जी ने पत्र में लिखा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रधानमंत्री से अभी तक उन्हें जवाब नहीं मिला है लेकिन उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री से एक पत्र प्राप्त हुआ है। बनर्जी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री का पत्र उनके द्वारा उठाए गए ‘‘मुद्दे की गंभीरता को बमुश्किल दर्शाता” है। उन्होंने लिखा, ‘‘इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता को पर्याप्त रूप से नहीं समझा गया।” मुख्यमंत्री ने लिखा कि राज्य सरकार ने 10 विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालतों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 88 त्वरित विशेष अदालतें और 62 नामित पॉक्सो अदालतें पहले से ही राज्य के वित्त पोषण के तहत काम कर रही हैं।

राज्य में दो हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध

बनर्जी ने लिखा कि राज्य में दो हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं। पश्चिम बंगाल में एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना को लेकर हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं की स्थिति ‘‘बिगड़ती” जा रही है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए त्वरित अदालतों के गठन और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में ‘‘विफल रहने के लिए” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना भी की।

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