उप्र के पीलीभीत जिले में खेत की रखवाली कर रहे किसान का शव खून से लथपथ मिला, बाघ के हमले से मौत!

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पीलीभीत| उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के माधोटांडा थाना क्षेत्र में सोमवार को खेत की रखवाली करने गए एक ग्रामीण की बाघ के हमले में मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक बाद में ग्रामीण का खून से लथपथ शव मिला। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।

खेत की रखवाली करने गए ग्रामीण की बाघ के हमले में मौत!
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। माधोटांडा थाना पुलिस के अनुसार क्षेत्र के बासखेड़ा गांव निवासी केदारी लाल (50) रविवार को रात में खेत पर रखवाली करने गया था। सोमवार को सुबह खून से लथपथ उसका शव खेत में पड़ा मिला। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की ओर से जारी बयान के अनुसार माला रेंज स्थित भैरों बीट के कम्पार्टमेंट 124 बी में केदारी लाल को बाघ ने हमला कर मार दिया। सूचना मिलने पर भारतीय वन सेवा के अधिकारी भरत कुमार डीके के नेतृत्व में वन अधिकारियों तथा स्थानीय वन कर्मियों ने माधोटांडा पुलिस की मदद से मौके पर छानबीन की। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम को भेजा।

वन विभाग की टीमें लगातार घटना स्थल के समीप कर रही हैं निगरानी
बयान के अनुसार सुबह करीब 10 बजे वन विभाग के गश्ती दल ने केदारी लाल को वन सीमा के समीप घूमते हुए देख सचेत कर जंगल से बाहर भेज दिया था। केदारी लाल ने पुनः वनक्षेत्र में प्रवेश किया था, जिसकी पुष्टि घटनास्थल पर मौजूद उधम सिंह ने वन अधिकारियों के समक्ष की। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि घटना स्थल के पास पिंजरा लगाया गया है और बाघ को पकड़ने की उच्च स्तर से अनुमति मांगी गई है। वर्तमान में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कार्यरत डॉ. दक्ष गंगवार, पशु चिकित्सक को लखीमपुर खीरी से वापस बुला लिया गया है। वन विभाग की निगरानी टीमें लगातार घटना स्थल के समीप निगरानी कर रही हैं।

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