मध्य प्रदेश में 10 करोड़ रुपए की एफडी का फर्जीवाड़ा, बैंक मैनेजर और चपरासी पर धोखाधड़ी का आरोप

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

भोपाल| मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की 10 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी) के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक पूर्व मैनेजर और उसके चपरासी ने मिलकर इस रकम को हड़प लिया। मामले का खुलासा होने पर भोपाल की कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर रात दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 5-5 करोड़ रुपए की दो एफडी कराई थीं। इन एफडी को लेकर संस्था ने कई बैंकों में जमा की हुई रकम का रिकॉर्ड रखा था। हाल ही में जब संस्था ने सेंट्रल बैंक की एफडी की स्थिति की जांच की, तो पता चला कि एफडी को तुड़वा लिया गया है। यह जानकारी मिलने के बाद संस्था ने मामले की जांच शुरू की।

फर्जीवाड़े का खुलासा

जांच में सामने आया कि बैंक के चपरासी ब्रजेंद्र दास नामदेव ने एफडी की रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली थी। यह घटना उस समय की है जब बैंक के मैनेजर नोयल सिंह थे। उनके कार्यकाल में ही एफडी कराई गई थी और उनके ही कार्यकाल में एफडी को तुड़वाया गया। इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था ने पुलिस में आवेदन दिया। कोतवाली थाने के टीआई काशीराम कुशवाहा के अनुसार, पुलिस ने मामले की जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने शनिवार देर रात दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। टीआई कुशवाहा ने बताया कि बैंक के मैनेजर और चपरासी की भूमिकाओं की गहनता से जांच की जा रही है।

आरोपियों की तलाश

जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने बड़ी रकम हड़पने के लिए जटिल योजना बनाई थी। वर्तमान में बैंक के पूर्व मैनेजर नोयल सिंह और चपरासी ब्रजेंद्र दास नामदेव फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया है और उनकी तलाश की जा रही है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस मामले ने बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रणों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राज्य सरकार और बैंक प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है। इस प्रकार के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए नई नीतियों और सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था ने मामले में तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है और उम्मीद जताई है कि आरोपियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। यह मामला बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण संकेतक बन गया है, जो भविष्य में इसी प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगा।

पुलिस की कार्रवाई

कोतवाली थाने के टीआई काशीराम कुशवाहा के अनुसार, मामले में एफडी की रकम को तुड़वाने के आरोप में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मैनेजर नोयल सिंह और चपरासी ब्रजेंद्र दास नामदेव पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। एफडी की रकम बैंक के मैनेजर के कार्यकाल में तुड़वाई गई थी, और वर्तमान में जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में कौन-कौन से अन्य लोग शामिल थे। फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकेगी। इस फर्जीवाड़े ने बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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