नई दिल्ली| आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीते पिछली जगन मोहन सरकार पर तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाने का संगीन आरोप लगाया है। इस बाबत उन्होंने कहा कि बीते 5 साल में, वाईएसआर के कुछ नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया है। यहां तक कि उन्होंने ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से भी समझौता किया था । हद यह कि तिरुमाला के पवित्र लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का कुब इस्तेमाल किया। हालांकि, अब हम शुद्ध घी का उपयोग कर रहे हैं। हम तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता की रक्षा के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जानकारी दें कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू चढ़ाया जाता है। मंदिर का संचालन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। नायडू ने यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की एक बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया, “यहां तक कि तिरुमला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया गया था…उन्होंने घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था।” मुख्यमंत्री नायडू ने हालांकि कहा कि अब शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
बता दें कि श्री वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। वेंकटेश्वर को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है। इस आरोप पर वाईएसआर कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद सुब्बा रेड्डी ने कहा कि, सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला के पवित्र मंदिर और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाकर बड़ा पाप किया है। तिरुमाला प्रसाद पर चंद्रबाबू की ऐसी टिप्पणियां बहुत ही निंदनीय हैं। कोई इंसान ऐसे शब्द नहीं कह सकता या ऐसे अजीब आरोप नहीं लगा सकता। सुब्बा रेड्डी ने आगे कहा कि, अब यह एक बार फिर साबित हो गया है कि चंद्रबाबू राजनीतिक फायदे के लिए कुछ भी बुरा करने या कहने से नहीं हिचकिचाते। भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद के मामले में भगवान को साक्षी मानकर शपथ लेने के लिए भी तैयार हैं। क्या चंद्रबाबू भी अपने परिवार के साथ शपथ ले सकेंगें ?